फिल्मफेयर अवॉर्ड्स हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में सबसे प्रेस्टीजियस अवॉर्ड्स में से एक है. 1954 में अपनी पहली अवॉर्ड सेरेमनी में केवल पांच अवॉर्ड से शुरुआत करने के बाद इस सेरेमनी के 68वें प्रोग्राम में 29 अलग-अलग कैटेगरी में अवॉर्ड दिए गए. बेस्ट प्लेबैक सिंगर की कैटेगरी की शुरुआत 1959 में हुई थी और 1967 तक मेल और फीमेल सिंगर्स एक ही कैटेगरी के लिए कॉम्पिटीशन करते थे. तब से कई पॉपुलर सिंगर्स ने ये अवॉर्ड जीता जिनमें किशोर कुमार, मन्ना डे, उदित नारायण, कुमार शानू, सोनू निगम, शान, लकी अली, मोहित चौहान और अरिजीत सिंह शामिल हैं. आयुष्मान खुराना ने भी अपनी पहली फिल्म विक्की डोनर में 'पानी दा रंग' गा कर ये अवॉर्ड अपने नाम किया लेकिन एक लीजेंड्री सिंगर ऐसा रहा जिसने पूरी जिंदगी एक भी फिल्मफेयर अवॉर्ड नहीं जीता. ये कोई और नहीं बल्कि केके हैं जिनका 31 मई 2022 को निधन हो गया था.
केके को अपना पहला नॉमिनेशन 2000 में आई 'हम दिल दे चुके सनम' के गाने 'तड़प-तड़प' के लिए मिला था लेकिन यह अवॉर्ड उसी फिल्म में 'चांद छुपा' गाने के लिए उदित नारायण ने जीता था. तीन साल बाद 2003 में केके को हमराज फिल्म के 'बर्दाश्त नहीं कर सकता' के लिए नॉमिनेट किया गया लेकिन उस साल 'साथिया' के टाइटल ट्रैक के लिए सोनू निगम ने अवॉर्ड जीता.
2006 में केके और शान को फिल्म 'दस' के ट्रैक 'दस बहाने' के लिए एक साथ नॉमिनेट किया गया लेकिन उस साल बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर का अवॉर्ड 'आशिक बनाया आपने' टाइटल ट्रैक के लिए हिमेश रेशमिया को दिया गया. केके को 2008 में 'ओम शांति ओम' के गाने 'अजब सी' के लिए फिर से नॉमिनेट किया लेकिन उस साल शान को सांवरिया के 'जब से तेरे नैना' के लिए ट्रॉफी मिल गई.
आखिर में यानी 2009 में केके को 'बचना ऐ हसीनों' के 'खुदा जाने' और 'जन्नत' के 'जरा सी' के लिए फिर नॉमिनेट किया लेकिन वह 'रब ने बना दी' में 'हौले हौले' के लिए सुखिंदर सिंह को मिल गया. केके को अपनी जिंदगी में केवल एक बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर अवॉर्ड 2009 में स्क्रीन अवार्ड्स में 'खुदा जाने' के लिए मिला.