इंडस्ट्री में खूबसूरती का एक तय स्टैंडर्ड है और एक्टर्स-एक्ट्रेसेज को कभी-कभी अपने लुक के लिए बॉडी शेमिंग और ट्रोलिंग भी झेलनी पड़ती है. ऐसी ही एक एक्ट्रेस हैं जो नेशनल अवॉर्ड जीत चुकी हैं...लेकिन वह भी अपने वजन के लिए लोगों की बातें सुन चुकी हैं. उनकी कुछ फिल्में भी बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फेल हुईं जिस वजह से वो डिप्रेशन में आ गईं.
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता एक्ट्रेस ने 17 साल की उम्र में घर छोड़ दिया था. मतलब ये कि वो पढ़ाई के लिए घर से निकल गई थीं. इन्वेस्टमेंट बैंकर बनने का सपना लिए ये एक्ट्रेस अपने घर से निकली थी. लेकिन फिल्म स्क्रीन पर आने से पहले वह वाईआरएफ में पीआर एडवाइजर के तौर पर काम करती थीं. वह कोई और नहीं बल्कि परिणीति चोपड़ा हैं.
परिणीति चोपड़ा ने अपनी स्कूल की पढ़ाई कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी, अंबाला से पूरी की. एक्ट्रेस ने आगे की पढ़ाई लंदन में की. वह 17 साल की उम्र में लंदन चली गई थीं. उन्होंने मैनचेस्टर बिजनेस स्कूल से बिजनेस, फाइनैंस और इकोनॉमिक्स में ट्रिपल ऑनर्स की डिग्री हासिल की. पढ़ाई के दौरान एक्ट्रेस ने मैनचेस्टर यूनाइटेड फुटबॉल क्लब के केटरिंग डिपार्टमेंट के हेड के तौर पर भी काम किया.
जब परिणीति चोपड़ा भारत वापस आईं तो उन्होंने यशराज फिल्म्स के मार्केटिंग डिपार्टमेंट में इंटर्नशिप की और पीआर एडवाइजर के तौर पर प्रोडक्शन कंपनी से जुड़ गईं. बाद में, 2010 में 'बैंड बाजा बारात' के प्रमोशन के लिए काम करते समय परिणीति को एहसास हुआ कि वह एक एक्ट्रेस बनना चाहती हैं और उन्होंने एक्टिंग स्कूल में एडमिशन ले लिया.
परिणीति चोपड़ा ने रणवीर सिंह और अनुष्का शर्मा के साथ रोमांटिक कॉमेडी 'लेडीज वर्सेज रिकी बहल' में सपोर्टिंग रोल से बड़े पर्दे पर अपनी शुरुआत की. फिल्म को क्रिटिक्स से मिक्स रिव्यू मिले. यह बॉक्स ऑफिस पर एवरेज ही रही. परिणीति चोपड़ा की दूसरी फिल्म अर्जुन कपूर के साथ हबीब फैसल की एक्शन रोमांटिक ड्रामा 'इश्कजादे' थी. फिल्म में उनके रोल के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड - स्पेशल मेंशन मिला. उनकी अगली दो फिल्में 'शुद्ध देसी रोमांस' और 'हंसी तो फंसी' कमर्शियली हिट रहीं और फिल्म में उनके काम की तारीफ हुई.
हालांकि इसके बाद एक्ट्रेस को 'अपनी जिंदगी के सबसे बुरे दौर' का सामना करना पड़ा क्योंकि उनकी अगली कुछ फिल्में बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह विफल रहीं. एक शो टेपकास्ट में, परिणीति ने उस समय के बारे में बात की जब उन्हें प्रोफेशनल फेलियर्स का सामना करना पड़ा. दिल टूट गया और उनके पास पैसे, दोस्त कुछ भी नहीं था और वो डिप्रेशन से जूझ रही थीं.
एक्ट्रेस ने टॉक शो में कहा, "मैं साल 2015-2014 के आखिर और पूरे 2015 की बात कर रही हूं. मैं कहूंगी कि डेढ़ साल वास्तव में मेरी लाइफ का सबसे खराब टाइम था. मेरी दो फिल्में 'दावत-ए-इश्क' और 'किल दिल' नहीं चलीं. ये मेरा पहला झटका था. अचानक मेरे पास पैसे नहीं थे. मैंने एक घर खरीदा था और बड़ा निवेश किया था. तब मैंने अपनी लाइफ में एक बड़ा दुःख और मुश्किल वक्त देखा. मेरे जिंदगी में हर फ्रंट पर गड़बड़ ही चल रही थी.
उन्होंने आगे कहा, “मैंने खाती थी और सोती थी...उस समय मेरा कोई दोस्त नहीं था. मैं लोगों से कभी नहीं मिली. मैंने अपने परिवार समेत सभी से कॉन्टैक्ट खत्म कर दिया था. मैं उनसे दो हफ्ते में एक बार बात करती थी. मैं बस अपने कमरे में रहती थी. टीवी देखती थी, सोती थी, उठती थी...मैं एक जॉम्बी बन गई थी. मैं एक नॉर्मल फिल्मी डिप्रेस्ड लड़की थी. मैं अपने सोफे पर दुबककर सो जाती थी और हर समय बीमार रहती थी. मैं लगभग छह महीने तक मीडिया से दूर रही.