15 अगस्त नाम से बनी थी एक फिल्म, आजादी और क्रांति से नहीं था कोई लेना देना

हिंदी फिल्मों के इतिहास में एक ऐसी फिल्म बनी है जिसका नाम 15 अगस्त रखा गया था. हालांकि इस फिल्म का आजादी और देशभक्ति से कोई लेना देना नहीं था.

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नाम 15 अगस्त लेकिन आजादी से कोई कनेक्शन नहीं
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नई दिल्ली:

शहीद, बॉर्डर, कारगिल ऐसे नाम सुनो तो ये अंदाजा हो ही जाता है कि फिल्म किसी शहीद पर होगी या मुल्क की सुरक्षा या आजादी से इसका कोई नाता होगा. ऐसे ही नाम वाली फिल्मों का 15 अगस्त के दिन यानी कि स्वतंत्रता दिवस पर बोलबाला रहता है. अब आप सोचिए कि किसी एक फिल्म का नाम 15 अगस्त है तो इस फिल्म को देखने से पहले आपका माइंड सेट क्या होगा. यही न कि फिल्म स्वतंत्रता दिवस पर बेस्ड होगी. लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि फिल्म का नाम तो 15 अगस्त है लेकिन उसका आजादी से कोई कनेक्शन नहीं है.

15 अगस्त है फिल्म का नाम

इस फिल्म का नाम ही चौंकाने वाला है. इसका नाम है 15 अगस्त. ये फिल्म रिलीज हुई थी साल 1993 में. दो घंटे 48 मिनट की फिल्म में लीड रोल में आपको दिखेंगे एक्टर रॉनित रॉय. उनके अलावा टिस्का चोपड़ा, शक्ति कपूर, कुनिका सदानंद, गिरिजा शंकर, प्रेम चोपड़ा, सई जाफरी जैसे उम्दा कलाकार भी इस फिल्म का हिस्सा रहे हैं. फिल्म का नाम जरूर 15 अगस्त रखा गया. लेकिन फिल्म का इस दिन के भाव यानी कि स्वतंत्रता दिवस से कोई कनेक्शन नहीं था. सिर्फ नाम ही नहीं फिल्म के बहुत से बैनर भी ऐसे थे जिन पर फिल्म का नाम तिरंगे के रंग यानी कि केसरिया, सफेद और हरे रंग में लिखा गया.

ये थी स्टोरी लाइन

आईएमडीबी में दी गई फिल्म की स्टोरी लाइन के मुताबिक विक्रम नाम का शख्स एक पुलिस वाले का कत्ल होता हुआ देखता है. वो इसकी शिकायत एक इंस्पेक्टर से करता है. बदले में पुलिस वाला उसे ही गिरफ्तार कर लेता है. इसके बाद कहानी में बहुत सारे मोड़ आते हैं. बहुत सारा मसाला भी फिल्म में डाला गया है. फिर कुछ ऐसी सिचुएशन आती है कि विलेन से लड़ रहे हीरो के भाई की मौत हो जाती है और हीरो अपने भाई की मौत का बदला लेने की ठान लेता है.

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