63 साल तक किया फिल्मी दुनिया में काम लेकिन इस सुपरस्टार के पूर्वज थे डाकू, रॉबिनहुड जैसा करते थे काम

अशोक कुमार को लोग दादा मुनि के नाम से भी जानते हैं. एक इंटरव्यू में अशोक कुमार ने बताया कि उनके पुरखे क्या किया करते थे.

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तस्वीर में दिख रहे एक्टर ने बताया था कि उनके पूर्वज थे डाकू
नई दिल्ली:

बॉलीवुड में ऐसे कई फिल्मी घराने हैं जहां से फिल्मी पर्दे पर कई तरह के हुनर सामने आए हैं. कपूर खानदान की तरह बॉलीवुड के सुनहरे दौर में गांगुली खानदान का भी काफी दबदबा था. दादा मुनि अशोक कुमार (ashok kumar) गांगुली, सुरों के बादशाह किशोर कुमार (kishore kumar) गांगुली और अनूप कुमार गांगुली ने बॉलीवुड को शानदार एक्टिंग और गानों का तोहफा दिया था. 1934 से1997 तक अशोक कुमार ने ढेर सारी हिट फिल्में दी और वो उस वक्त से सबसे ज्यादा डिमांडिंग स्टार माने जाते थे. अशोक कुमार ने हीरो बनकर फिल्मों में काम किया और उम्र बढ़ने के बाद उन्होंने कैरेक्टर रोल में भी जान डाल दी. बंगाल से ताल्लुक रखने वाले अशोक कुमार ने एक बार एक इंटरव्यू में अपने पूर्वजों को लेकर एक सनसनीखेज खुलासा किया था.

जब अशोक कुमार ने बताया पुरखे थे डाकू

एक पुराने इंटरव्यू में अशोक कुमार से जब उनके पुरखों को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उनके पूर्वज डकैती करते थे. अशोक कुमार ने कहा कि जहां तक हमारे पुरखों की बात है तो हमको बताया गया था कि वो बंगाल में डकैती करते थे. उन्होंने कहा उनके पिताजी कहते थे कि करीब डेढ़ सौ साल पहले उनके पुरखे डकैती करते थे.

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 वो अमीरों को लूटकर गरीबों में लूट का पैसा बांट दिया करते थे. इसलिए उस वक्त लोग उनको काफी पसंद करते थे. अशोक कुमार ने कहा कि यहां तक कि गुरु रविंद्र कुमार टैगोर ने भी अपनी किताब  में इस बात का जिक्र किया है. इसके बाद अशोक कुमार ने एक किताब से टैगोर का लिखा हुआ पढ़कर भी सुनाया.

बहनोई की मदद से बॉलीवुड में मिली एंट्री  

आपको बता दें कि अशोक कुमार और उनके दोनों भाइयों का जन्म हिंदू ब्राह्मण परिवार में भागलपुर जिले में हुआ था. पहले भागलपुर जिला बंगाल रेजीडेंसी में आता था. अब ये बिहार में है. उनके पिता का नाम कुंजलाल गांगुली था, जो बंगाल के बड़े वकीलों में शुमार हुआ करते थे. अशोक कुमार की बहन की शादी शशधर मुखर्जी से हुई थी. इसके बाद अशोक कुमार खुद शशधर मुखर्जी के पास मुंबई चले गए. चूंकि उनका सपना फिल्म डायरेक्टर बनने का था और वो शशधर मुखर्जी के साथ बॉम्बे टॉकीज जाने लगे. वहां उस वक्त जीवन नैया फिल्म की शूटिंग चल रही थी. यहां बॉम्बे टॉकीज के मालिक हिमांशू राय ने अशोक कुमार को देखा और उनको फिल्म में काम करने का ऑफर दिया. इस तरह अशोक कुमार डायरेक्टर बनते बनते एक्टर बन गए. 

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