- अमजद खान के बेटे शादाब खान पहचान बनाने में असफल रहे हैं.
- उन्होंने 1997 में फिल्म राजा की आएगी बारात से डेब्यू किया.
- उनकी अधिकांश फिल्में बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप रहीं.
- शादाब ने 2005 में शादी के बाद निर्देशन और लेखन में करियर बनाया.
बॉलीवुड में इन दिनों नेपोटिज्म और स्टारकिड्स की बॉलीवुड में एंट्री आम बात हो गई है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पिछले कई सालों से स्टारकिड्स बॉलीवुड में एंट्री करते रहे हैं. इसमें सलमान खान से लेकर अभिषेक बच्चन जैसे स्टार्स का नाम आता है, जो इन दिनों चर्चा में रहते हैं. लेकिन कुछ सितारे ऐसे भी हैं, जिन्होंने बॉलीवुड में कदम रखा पर फैंस के बीच पहचान नहीं बना पाए और फ्लॉप करियर के बाद एक्टिंग को अलविदा कह दिया. इन्हीं में से एक हैं रानी मुखर्जी और दिव्या दत्ता के साथ दिख रहे हीरो, जिनका नाम शादाब खान है. उन्हें भले ही फैंस पहचान ना पाए हों. लेकिन उनके पिता बॉलीवुड के जाने माने एक्टर हैं, जिन्हें फैंस शोले के गब्बर के रुप में जानते हैं.
गब्बर के नाम से आप समझ गए होंगे कि हम अमजद खान की बात कर रहे हैं, जिनके बेटे शादाब खान अपने पिता की तरह नाम नहीं कमा पाए. शादाब खान की फिल्मी शुरुआत बाल कलाकार के रुप में फिल्म प्यारी भाभी से हुई. इसके बाद उन्होंने 1997 में फिल्म राजा की आएगी बारात से डेब्यू करा, जिसमें उनकी हिरोइन रानी मुखर्जी रहीं. हालांकि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कमाल करने में नाकामयाब रहीं.
इसके बाद उन्होंने बेताबी (1997), हे राम (2000), रिफयूजी (2000), भारत भाग्य विधाता (2002) और इसके अलावा इन्होंने शोर्ट फिल्म मिनी बनर्जी घर पर हैं (2019) भी करी, लेकिन हैरान करने वाली बात तो यह है कि सारी फिल्में फ्लॉप साबित हुई.
शादाब ने इंडस्ट्री में 5 साल काम किया और कुल 6 फिल्मों में एक्टिंग करी, लेकिन वो कभी अपने पिता अमजद खान जैसी पहचान नहीं बना पाए. शादाब खान ने 2005 में रुमाना चावा से शादी की और आपको बता दें कि शादाब ने फिल्म इंडस्ट्री छोड़नें के बाद लेखन और निर्देशन में अपना करियर बनाया. उन्होंने शांति मेमोरियल और मर्डर जैसे नॉवल लिखे हैं और कुछ फिल्मों की स्क्रिप्ट भी लिखी है. शादाब खान का करियर ग्राफ देखकर कहा जा सकता है कि हर मशहूर एक्टर का बेटा सफल एक्टर बन सकता.