अमिताभ बच्चन का यह मशहूर गाना 1962 में ही बन कर हो गया था तैयार, लेकिन परदे पर आने में लग गए पूरे 14 साल

बॉलीवुड के सदाबहार गानों के तो क्या कहने. कहीं भी बज जाएं तो वो अपनी अलग ही दुनिया में ले जाते हैं. अमिताभ बच्चन की सुपरहिट फिल्म का ये एवरग्रीन गाना कुछ ऐसा ही है. पढ़ें इससे जुड़ा मजेदार किस्सा.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
अमिताभ बच्चन के इस मशहूर गाने से जुड़ी दास्तान
नई दिल्ली:

बॉलीवुड के गाने किसी प्रिय नहीं हैं. कुछ गाने ऐसे हैं जो समय से परे हैं. जिन्हें कभी भी सुन लिया जाए वह एक अलग ही दुनिया में ले जाते हैं. ऐसी दुनिया जो हर किसी की अपनी होती है. जिसमें ढेर सारा प्यार होता है, रूमानियत होती है और अपनापन होता है. ऐसा ही एक गाना अमिताभ बच्चन और राखी का है जो कभी चलता है तो एक कल्पनालोक में ले जाता है. यह गाना है 1976 में रिलीज हुई फिल्म 'कभी कभी' का. फिल्म को यश चोपड़ा ने डायरेक्ट किया था. 'कभी कभी' में अमिताभ बच्चन, शशि कपूर, राखी, वहीदा रहमान, ऋषि कपूर और नीतू सिंह लीड रोल में नजर आए. फिल्म का म्यूजिक ख्याम ने दिया और लिरिक्स साहिर लुधियानवी के थे. फिल्म 27 फरवरी, 1976 में रिलीज हुई थी.

जैसा अकसर होता आया था कि यश चोपड़ा की फिल्मों के गाने खूब हिट रहते हैं. इस फिल्म के साथ भी ऐसा ही रहा. इसके गाने खूब पसंद किए गए. प्रेम के रंग में रंगे इन गीतों का जादू आज भी कम नहीं हुआ है. फिल्म का एक गाना 'कभी कभी' बहुत लोकप्रिय हुआ. इस गीत को फिल्म में राखी और अमिताभ बच्चन पर फिल्माया गया है. यह गीत मशहूर गीतकार और शायर साहिर लुधियानवी की नायाब रचना मानी जाती है. यह गीत उनके शायरी की किताब तल्खियां से ली गई है. इसमें ढेर सारे उर्दू के शब्द थे, लकिन गायकी के लिहाज से इसको आसान किया गया और इस गाने को कभी कभी में सुना गया. साहिर लुधियानवी का निधन 59 साल की उम्र में 1976 में हुआ था.  

Advertisement

कभी कभी गाने को लेकर एक दिलचस्प वाकया बताया जाता है. कहा जाता है कि ख्याम इस गाने को 1962 में फिल्म में लेने का फैसला ले लिया था. वह चेतन आनंद की फिल्म काफिर में इस गाने को लेना चाहते थे और इसे गीता दत्त और सुधा मल्होत्रा की आवाज में रिकॉर्ड भी कर लिया था. लेकिन यह फिल्म रिलीज नहीं हो सकी. जब फिल्म नहीं बनी तो गाना भी ठंडे बस्ते में पड़ा रहा था. लेकिन जब कभी कभी बनी तो ख्याम ने यह गाना यश चोपड़ा को दे दिया. इस गाने को लता मंगेशकर और मुकेश की आवाज में गाया गया. इसके बाद तो यह गाना इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया. 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Champions Trophy Squad Announcement: टीम इंडिया के चयन पर 7 बड़े सवाल | Karun Nair | Jasprit Bumrah