करन जौहर और शाहरुख खान फिल्म इंडस्ट्री में बेस्ट फ्रेंड्स के तौर पर जाने जाते हैं. फिल्म मेकर करन ने शाहरुख खान स्टारर 'कुछ कुछ होता है' के साथ बतौर डायरेक्टर अपने करियर की शुरुआत की थी. जिस तरह फिल्म स्क्रीन पर जय वीरू ने मिसाल कायम की उसी तरह रियल लाइफ में करन और शाहरुख हमेशा एक दूसरे के लिए खड़े नजर आए. करन ने रीसेंटली मिड डे को दिए एक इंटरव्यू में वो दिन याद किए जब अंडरवर्ल्ड की धमकियों की वजह से उन्होंने खुद को सबसे दूर कर लिया था. करन ने याद किया कि किस तरह शाहरुख ने उन्हें उस अंधेरे कमरे से बाहर निकाला जहां उन्होंने खुद को कैद कर लिया था.
क्यों डर गए थे करन जौहर ?
करन जौहर ने बताया कि अपने डायरेक्शन में बनी पहली फिल्म कुछ कुछ होता है के प्रीमियर में उन्होंने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया था. उस समय शाहरुख ने उन्हें संभाला और हिम्मत दी थी. उन्होंने कहा, "मैं यह कभी नहीं भूलूंगा कि शाहरुख ने मुझे कैसे बाहर निकाला. उन्होंने कहा, "तुम पर चलने वाली गोली के आगे मैं आजाउंगा...तुम बस यहीं खड़े रहो.' उस वक्त मुझे एहसास हुआ कि यह एक ऐसा रिश्ता है जो हमेशा के लिए है.
करन जौहर ने पहले अपनी ऑटोबायोग्राफी 'द अनसूटेबल बॉय' में इस बारे में लिखा था. “फोन की घंटी बजी. मेरी मां ने फोन उठाया और यह अंडरवर्ल्ड से एक कॉल थी. एक आदमी की आवाज आई 'आपके बेटे ने लाल टी-शर्ट पहनी है, मैं उसे अभी देख सकता हूं और अगर आप इस फिल्म को शुक्रवार को रिलीज करेंगे तो हम उसे गोली मार देंगे.' किसी वजह से वो नहीं चाहते थे कि फिल्म उस शुक्रवार को रिलीज हो, हमें नहीं पता क्यों? यह अबू सलेम का फोन था और मेरी मां दहशत से कांप रही थी. उसने फोन रख दिया और दरवाजे की तरफ भागी."
शाहरुख खान ने दी हिम्मत
करन ने किताब में शाहरुख खान के उस रिएक्शन के बारे में भी लिखा था. "शाहरुख ने कहा, 'क्या बकवास है!' वह अंदर गए और मुझे बाहर खींच लिया. उन्होंने कहा, 'मैं यहां तुम्हारे सामने खड़ा हूं. देखते हैं कौन तुम्हें गोली मारता है. मैं खड़ा हूं...यहीं.' मैंने कहा, 'नहीं, नहीं, नहीं, मेरी मां थी...' उसने मेरी मां से कहा, 'कुछ नहीं होने वाला. मैं एक पठान हूं. मुझे कुछ नहीं हो सकता और आपके बेटे को कुछ नहीं होगा. वह मेरे भाई जैसा है...उसे कुछ नहीं होगा."