बॉलीवुड में कपूर खानदान हमेशा ही स्पेशल और मशहूर रहा है. पृथ्वीराज कपूर के बाद राज कपूर, शम्मी कपूर और शशि कपूर ने बॉलीवुड में जमकर नाम कमाया. शम्मी कपूर की पहली शादी मशहूर एक्ट्रेस गीता बाली के साथ हुई थी. शादी के कुछ सालों बाद अचानक एक बीमारी के चलते गीता बाली की मौत हो गई. अपनी प्रेमिका और पत्नी की अचानक मौत का शम्मी कपूर को गहरा सदमा लगा. शम्मी कपूर और गीता बाली के दो बच्चे बेटी कंचन और बेटा आदित्य भी गीता बाली की मौत से परेशान हो गए थे. कुछ सालों बाद परिवार के कहने पर बच्चों की खातिर बाद में शम्मी कपूर ने नीला देवी से दूसरी शादी कर ली. लेकिन शादी के बाद शम्मी कपूर और नीला देवी के कोई संतान नहीं हुई. इसके पीछे नीला देवी का एक बड़ा फैसला था.
राजघराने से ताल्लुक
कहते हैं कि नीला देवी राजघराने से ताल्लुक रखती थी. शम्मी कपूर से शादी करने के बाद वो चाहती तो वो भी बच्चों की मां बन सकती थी. लेकिन शम्मी कपूर के बच्चों की खातिर उन्होंने मां न बनने का फैसला किया. एक इंटरव्यू में शम्मी कपूर के बेटे आदित्य ने कहा कि नीला देवी ने उनके जीवन में आकर एक मां की कमी पूरी कर दी थी. वो ऐसी पत्नी बनी जिसने जीवन के हर मोड़ पर पति का साथ दिया. इसके साथ ही वो ऐसी मां बनी जो अपने बच्चों को बहुत प्यार करती थी. उन्होंने शम्मी कपूर और बच्चों के जीवन में खालीपन को पूरी तरह भर दिया. उन्होंने हमारी खातिर फैसला किया कि वो मां नहीं बनेंगी क्योंकि अगर उनके बच्चे हुए तो शायद उनका प्यार बंट जाएगा.
फैसले का सम्मान
आदित्य ने कहा कि वो शम्मी कपूर को धमकी भरे खत लिखते थे कि वो स्कूल से ही कहीं भाग जाएंगे. आदित्य ने कहा कि मां की मौत के बाद पिता जब टूट चुके थे तो मैंने उनसे कहा कि वो अपनी पसंद की किसी महिला से शादी कर सकते हैं. उन्हें भी मां की जरूरत थी और कंचन को भी. मां न बनने का नीला देवी का फैसला हमेशा कायम रहा. आदित्य ने कहा कि ये दिखाता है कि मां एक परिवार के लिए कितनी अहम होती है. लेकिन मेरी मां गीता बाली की कमी हमें हमेशा खलती रही. नीला ने पूरे दिल से आदित्य और कंचन की परवरिश की और शम्मी कपूर का भी ख्याल रखा.