इन दिनों किसिंग सीन किसी मसाला फिल्म या ओटीटी शो के जरूरी एलीमेंट्स में से एक होता है. कई बार तो कहानी में कुछ नहीं होता और मेकर्स केवल बोल्ड सीन और किसिंग के सीन के नाम पर ही फिल्में बेच देते हैं. कई बार एक्टर्स से भी सवाल किए गए हैं कि इस तरह के सीन से पहले आइस ब्रेकर क्या रहता है...मतलब वह खुद को ऐसे सीन्स के लिए कैसे तैयार करते हैं. हालांकि अब ऐसे सीन दर्शकों के लिए बहुत ही आम बात हो गए हैं. झटका तो तब लगा था जब पहली बार एक हिंदी फिल्म में किसिंग सीन दिखाया गया था. यह सीन भी कोई छोटा-मोटा नहीं पूरे चार मिनट लंबा था. जिन दो एक्टर्स ने ये सीन किया वे हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के शुरुआती स्टार्स में से थे. हम बात कर रहे हैं देविका रानी और हिमांशु राय की. देविका को उनके जानने वाले सभी लोग एक बोल्ड और खूबसूरत महिला के रूप में जानते थे.
कर्मा: बॉलीवुड की पहली बड़ी फिल्म थी
देविका रानी और हिमांशु राय ने मिलकर भारत में बॉम्बे टॉक्स की शुरुआत की थी. यह भारत का पहला प्रोफेशनल फिल्म स्टूडियो था. दोनों की मुलाकात लंदन में हुई थी. उस वक्त तक वो अपना कॉलेज पूरा कर चुके थे और एक युवा फिल्म मेकर थे. इन दोनों ने 1929 में शादी की और इसके बाद 1933 में कर्मा रिलीज हुई.
क्या था सीन ?
इस सीन में देविका यानी कि फिल्म की हीरोइन हिमांशु राय को कोबरा के जहर से बचाने के लिए किस करती हैं. हिमांशु राय बेहोश थे उन्हें एक कोबरा ने डंक मारा था. देविका इसी जहर को निकालने की कोशिश कर रही होती हैं.
देविका रानी-हिमांशु राय की लव स्टोरी का द एंड!
ये फिल्म भारत में तो फ्लॉप हो गई लेकिन विदेश में हिट रही. सभी ने उन्हें स्टार मटेरियल कहा. विंडसर में शाही परिवार के लिए एक खास स्क्रीनिंग रखी गई थी. 1934 में यह भारत में रिलीज हुई लेकिन बुरी तरह फ्लॉप हो गई. कर्मा के बाद देविका रानी और हिमांशु राय का प्यार फीका पड़ने लगा. वह 1935 में अपने को-स्टार नजम उल हसन के साथ चली गईं. वे एक साथ एक फिल्म कर रहे थे.