बॉलीवुड मे हर साल हजारों लोग अपना डेब्यू करते हैं और उनमें से कुछ को ही सही मुकाम हासिल हो पाता है. बॉलीवुड में कदम रखने वाली हर एक्ट्रेस की चाहत होती है कि उसे डेब्यू फिल्म में खूबसूरत दिखाया जाए और वो हीरोइन का रोल करे. लेकिन आज हम यहां जिस एक्ट्रेस की बात कर रहे हैं, उसने अपनी डेब्यू फिल्म में मेड यानी नौकरानी का किरदार किया था. इतना ही नहीं पहली ही फिल्म में इतना चुनौतीपूर्ण किरदार करने के बाद उनको इस रोल के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला. कुछ ऐसा है दिग्गज अदाकारा शबाना (shabana azmi) आजमी का बॉलीवुड सफर.
जी हां इस फोटो में रंगमंच पर किरदार को जीती ये एक्ट्रेस शबाना आजमी ही हैं जो अपने तरह तरह के शानदार किरदारों के तौर पर बॉलीवुड में अपनी एक खास पहचान बना चुकी हैं. पांच बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीत चुकी शबाना आजमी केवल एक्टिंग ही नहीं अपने बिंदास और बेबाक व्यवहार के चलते भी जानी जाती हैं.
हर तरह के रोल में फिट बैठती थीं
हैदराबाद में भारत के मशहूर कवि के कैफी आजमी के घर जन्मी शबाना आजमी को बचपन से ही रंगमंच का शौक था. उन्होंने साइकोलॉजी में डिग्री ली और फिर रंगमंच ज्वाइन कर लिया. उनकी पहली फिल्म थी अंकुर. इसके बाद शबाना आजमी को कई तरह के रोल मिलने लगे लेकिन वो केवल पेड़ों के इर्द गिर्द नाचने वाली हीरोइन के रोल करने में संतुष्ट नहीं थीं. वो चुनौती वाले कंटेंपरेरी रोल करना चाहती थीं जिसमें उनका किरदार अगर नजर आए. महेश भट्ट के साथ उनकी फिल्म अर्थ में उनके रोल को काफी सराहा गया. इसके अलावा खंडहर, पार, मासूम जैसी फिल्मों ने बॉलीवुड में उनको एक बड़ा दर्जा दिया. हालांकि वो केवल कंटेपरेरी रोल तक सीमित नहीं रहीं और उन्होंने कई सारी कर्मशियल फिल्में भी दीं जिसमें अमर अकबर एंथोनी, अवतार, परवरिश जैसी फिल्में शामिल हैं. सुपरस्टार कहे जाने वाले राजेश खन्ना के साथ शबाना आजमी ने सात हिट फिल्में देकर साबित किया कि वो हर तरह के रोल कर सकती हैं.
मुंबई के पेट्रोल पंप पर बेची कॉफी
शबाना आजमी यूं तो एक अच्छे और प्रतिष्ठित परिवार में जन्मीं लेकिन बड़े होने पर मुंबई में स्थापित होने के लिए उन्होंने परिवार की मदद लेने की बजाय खुद ही सर्वाइव करने की ठानी. उनकी मां और जानी मानी रंगमंच अदाकारा शौकत आजमी ने अपनी ऑटोबायोग्राफी में लिखा है कि शबाना ने अपने कॉलेज के दौरान तीन महीने तक मुंबई के पेट्रोल पंप पर कॉफी बेचने तक का काम किया. कॉफी बेचने के बदले उनको हर रोज तीस रुपए मिला करते थे. 1984 में उन्होंने गीतकार जावेद अख्तर से निकाह किया.