इस एक्ट्रेस को अपने रंग की वजह से सुनने पड़ते थे ताने, नॉनवेज के चक्कर में नहीं पूरा हो पाया जिंदगी का ये सपना

एक्ट्रेस ने खुद एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें रंग की वजह से लोगों की बातें सुनने को मिली थीं. लेकिन उन्होंने कभी इन बातों का असर खुद पर नहीं होने दिया.

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हैप्पी बर्थडे ईशा गुप्ता
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नई दिल्ली:

2012 में आई 'जन्नत 2' की सीधी-साधी जाह्ववी तोमर से 'आश्रम' की तेज-तर्रार सोनिया तक, ईशा गुप्ता ने हर किरदार से फैंस का दिल जीता है. किसी को नहीं पता था कि पहली फिल्म में अपनी खूबसूरती से सबका दिल जीतने वाली ईशा हर किरदार को पर्दे पर सादगी से उतार देंगी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि मॉडलिंग से अपने करियर की शुरुआत करने वाली ईशा शेफ बनकर अपना खुद का होटल चलाना चाहती थी, लेकिन ऐसा हो नहीं सका?

वेजीटेरियन होने की वजह से टूटा ये सपना

28 नवंबर को दिल्ली में जन्मी ईशा गुप्ता को बचपन से ही खाना बनाने का शौक था. 12 साल की उम्र में उन्होंने सोच लिया था कि वे बड़ी होकर किसी फाइव स्टार होटल में शेफ बनेंगी या खुद का रेस्तरां शुरू करेंगी, लेकिन एक्ट्रेस का शाकाहारी होना भी उनके करियर पर भारी पड़ गया. एक शेफ बनने के लिए शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह के पकवानों की जानकारी होनी चाहिए, लेकिन ईशा सिर्फ शाकाहारी व्यंजनों के बारे में जानकारी रखती थीं. अब ऐसे में उनके पिता के दोस्त ने ही उन्हें खुद का छोटा-मोटा रेस्तरां खोलने की सलाह दी थी, लेकिन एक्ट्रेस का ख्वाब कुछ बड़ा करने का था, जिसकी वजह से उन्होंने शेफ बनने का आइडिया ड्रॉप कर दिया.

दो महीने एक्टिंग सीखते ही मिल गई फिल्म

फिल्म इंडस्ट्री में भी ईशा को फिल्में मिलने में ज्यादा मेहनत नहीं लगी. दो महीने के एक्टिंग कोर्स के बाद ही उन्हें ऑडिशन के बाद मुकेश भट्ट की फिल्म 'जन्नत 2' में रोल मिल गया. एक इंटरव्यू में खुद इस बात का जिक्र करते हुए ईशा ने बताया था कि मॉडलिंग के बाद फिल्मों में काम करने के लिए उन्होंने अनुपम खेर की एक्टिंग एकेडमी में 2 महीने एक्टिंग का कोर्स किया था और फिर ऐसे ही ऑडिशन देने के लिए चली गई थी. पहले फिल्म में प्राची देसाई लीड रोल प्ले करने वाली थी लेकिन फिल्म की शूटिंग से दो हफ्ते पहले ही उन्हें रिप्लेस कर दिया गया और वो जगह ईशा को मिली.

'जन्नत 2' के बाद ईशा के लिए फिल्म इंडस्ट्री के दरवाजे खुल गए. उन्होंने साल 2012 में ही 'राज 3 डी' और 'चक्रव्यूह' में भी काम किया. 'राज 3 डी' हॉरर फिल्म थी, जबकि 'चक्रव्यूह' में एक्ट्रेस निगेटिव रोल में दिखीं. दोनों ही फिल्मों को पर्दे पर अच्छा रिस्पांस मिला और ईशा ने 1 साल के अंदर तीन फिल्में करके अपनी पहचान बनाई, जिसके बाद ईशा 'बेबी', 'पलटन', 'रुस्तम', और 'टोटल धमाल' जैसी फिल्मों में नजर आईं.

रंग की वजह से सुनने पड़ते थे ताने?

फिल्मों में आना ईशा के लिए आसान रहा, लेकिन अपने गहरे रंग को लेकर उन्हें काफी कुछ सुनना पड़ता था. एक्ट्रेस ने एक इंटरव्यू में खुद इस बात का खुलासा किया था कि करियर की शुरुआत में उन्हें अपने रंग को लेकर शर्मिंदा करने की कोशिश की जाती थी, लेकिन उन्हें इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता.
 

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