बॉलीवुड की पहली सुपरस्टार थी यह एक्ट्रेस, बेटी भी थी टॉप एक्ट्रेस, दामाद कहलाए ‘अभिनय के सम्राट’

बॉलीवुड में ऐसी कई एक्ट्रेसेस हुईं, जिनके बारे में लोग कम ही जानते हैं, लेकिन एक समय में उन्होंने फैंस के दिलों पर राज किया. ऐसी ही एक एक्ट्रेस थी नसीम बानो. उनकी बेटी और दामाद बॉलीवुड के बड़े स्टार रह चुके हैं. 

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
बॉलीवुड की पहली सुपरस्टार थी यह एक्ट्रेस
नई दिल्ली:

बॉलीवुड में ऐसी कई एक्ट्रेसेस हुईं, जिनके बारे में लोग कम ही जानते हैं, लेकिन एक समय में उन्होंने फैंस के दिलों पर राज किया. ऐसी ही एक एक्ट्रेस थी नसीम बानो. उनकी बेटी और दामाद बॉलीवुड के बड़े स्टार रह चुके हैं. यह नसीम का फिल्मों के प्रति प्यार ही था कि उन्होंने अपनी बेटी को भी एक्ट्रेस बनाया. नसीम को "ब्यूटी क्वीन" और भारतीय सिनेमा की "पहली महिला सुपरस्टार" के रूप में भी जाना जाता है. 1930 के दशक से लेकर 1950 के दशक तक उन्होंने फिल्मों में काम किया. सोहराब मोदी के साथ उन्होंने 1935 में हेमलेट से डेब्यू किया.

बाद में वह सोहराब मोदी की फिल्म पुकार (1939) में नूरजहां के रोल में नजर आईं. नसीम लोकप्रिय एक्ट्रेस सायरा बानो की मां और जाने माने एक्टर दिलीप कुमार की सास थीं. नसीम के फिल्मों में आने की कहानी  काफी दिलचस्प है. नसीम के पिता हसनपुर के नवाब अब्दुल वहीद खान थे. नसीम का नाम रोशन आरा बेगम था. उन्होंने दिल्ली के क्वीन मैरी हाई स्कूल में पढ़ाई की. नसीम फिल्मों में काम करना चाहती थीं, हालांकि उनका मां शमशाद नहीं चाहती थी कि वह फिल्मों में काम करें. एक बार बॉम्बे की यात्रा के दौरान  नसीम फिल्मों की शूटिंग देखने पहुंचीं. तब सोहराब मोदी अपनी फिल्म हेमलेट की एक्ट्रेस को ढुंढ रहे थे. नसीम उन्हें पसंद आ गई और इस तरह उन्हें उनकी पहली फिल्म मिली. 

Advertisement
Advertisement

बाद में नसीम खान बहादुर (1937), तलाक (1938), मीठा ज़हर और वसंती (1938) जैसी फ़िल्मों में नजर आईं. पुकार में नूरजहां के रोल ने उन्हें अमर कर दिया. इस फिल्म की तैयारी के लिए वह हर दिन घुड़सवारी और गाना सीखती थी. उनकी फिल्म का एक गाना "ज़िन्दगी का साज़ भी आया है" काफी लोकप्रिय हुआ और उनकी सुंदरता को देखते हुए उन्हें 'ब्यूटी क्वीन' और 'परी चेहरा' नाम दिया गया. पुकार की सफलता के बाद नसीम की बतौर एक्ट्रेस मांग काफी बढ़ गई.
उन्होंने एहसान-उल-हक से शादी की और पति-पत्नी ने उजाला (1942), बेगम (1945), चांदनी रात (1949) और अजीब लड़की (1942) जैसी कई फिल्में दी. बाद में वह निर्माता बनीं और फिर बेटी सायरा के लिए ड्रेस-डिज़ाइनर के रूप में काम किया. उनकी बेटी सायरा बानो ने जंगली (1961) से डेब्यू किया था. 

Advertisement

बता दें कि नसीम के पति एहसान विभाजन के बाद पाकिस्तान चले गए और वह बेटी के साथ भारत रह गईं. बाद में नसीम इंग्लैंड चली गईं और उनकी बेटी सायरा तब तक बड़ी हो गई थीं. वह  भी मां की तरह हिंदी फिल्मों की दीवानी थीं. सायरा को बॉलीवुड में स्थापित करने के लिए मां नसीम ने हर संभव मदद की और 22 साल बड़े दिलीप कुमार से उन्होंने सायरा की शादी कराई. 

Advertisement

नसीम खून का खून (हैमलेट)(1935), खान बहादुर (1937), मीठा ज़हर (1938), तलाक (1938), वासंती (1938), पुकार (1939), में हरि (1940), उजाला (1942), चल चल रे नौजवान(1944), बेगम (1944), जीवन सपना(1946), दूर चलें (1946), मुलाकात (1947), अनोखी अदा (1948), चांदनी रात (1949), शीश महल (1950), शबिस्तान (1951), अजीब लडकी (1952), बेताब (1952), सिनबाद जहज़ी (1952), बाघी (1953), नौशेरवान-ए-आदिल (1957) जैसी फिल्मों के लिए जानी जाती है. 
 

Featured Video Of The Day
Top 10 International News: Pakistan Terror Attack में 50 की मौत; जानें विदेश की अन्य बड़ी खबरें