पर्दे पर देवी बनी ये एक्ट्रेस पूजी गई घर-घर, लेकिन अपने ही घर में नहीं मिली इज्जत, बाद में बनी ऐसी स्टार, जिसके बिना अधूरी होती थी फिल्म

इस एक्ट्रेस ने पर्दे पर देवी का किरदार निभाकर तो खूब वाहवाही बटोरी लेकिन घर में इज्जत नहीं मिली. बाद में इनका ऐसा स्टारडम आया कि इनके बिना हर फिल्म अधूरी मानी जाती थी.

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पर्दे पर देवी बनी ये एक्ट्रेस पूजी गई घर-घर, लेकिन अपने ही घर में नहीं मिली इज्जत, बाद में बनी ऐसी स्टार, जिसके बिना अधूरी होती थी फिल्म
इस एक्ट्रेस को आज भी याद करते हैं लोग
नई दिल्ली:

बड़े पर्दे पर एक एक्ट्रेस ने इतनी पौराणिक फिल्मों में काम किया कि लोग उसे देवी समझ कर पूजा करने लगे. घर घर में उसकी देवी बनी तस्वीर नजर आती थी. एक्ट्रेस ने पौराणिक फिल्मों के अलावा भी अपने जमाने में एक से बढ़कर एक फिल्मों में काम किया. ब्लैक एंड व्हाइट फिल्मों से अभिनय का सफर शुरू हुआ, जो बड़े पर्दे के रंगीन होने के बाद भी लंबे समय तक जारी रहा. कभी देवी बन कर पर्दे पर आने वाली ये एक्ट्रेस स्टार्स की मां बन कर पर्दे पर आने लगी. जिसे खूब प्यार और सम्मान मिला. पर अफसोस असल जिंदगी में अपने ही बेटे और बहू से वो प्यार और सम्मान नहीं मिल सका. पिता भी एक फैसले से कदर नाराज हुए कि पलट कर शक्ल नहीं देखी.

कौन है ये एक्ट्रेस?

हम जिस एक्ट्रेस की बात कर रहे हैं वो एक्ट्रेस हैं निरूपा राय, जिन्हें आपने अमर अकबर एंथनी, सुहाग जैसी मूवीज में मां के रोल में देखा होगा. निरूपा राय का फिल्मी सफर शुरू हुआ उनकी शादी के बाद. 14 साल की उम्र में ब्याही निरूपा रॉय के पति कमल रॉय चाहते थे कि वो फिल्मों में काम करें. फिल्मों में काम भी थोड़ी सी मशक्कत के बाद ही मिल गया. साल 1946 में निरूपा रॉय की पहली फिल्म रिलीज हुई. लेकिन इस फैसले से पिता बहुत नाखुश हुए. वो कभी नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी फिल्मों में काम करे. नाराजगी के चलते उन्होंने कभी फिर निरूपा रॉय से बात नहीं की.

जेल जाने की आई नौबत

निरूपा रॉय ने बतौर एक्ट्रेस कई फिल्मों में काम किया. उसके बाद उन्हें मां के रोल मिलने लगे. दीवार फिल्म के बाद वो बड़े पर्दे की फेवरेट मां भी बन गईं. लेकिन फिल्मी दुनिया में मां के किरदार में जो प्यार और आदर मिला वो असल जीवन में नहीं मिला. कहा जाता है कि उनकी एक बहू ने उन पर उनके पति पर दहेज प्रताड़ना तक का आरोप लगाया था. जिसके बाद निरूपा रॉय के जेल तक जाने की नौबत आ गई थी. साल 2004 में कार्डियक अरेस्ट के चलते निरूपा रॉय का निधन हो गया था.

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