कभी बनीं नकचड़ी बहू तो कभी खड़ूस सास, देखा था हीरोइन बनने का सपना लेकिन किस्मत ने बना दिया विलेन, पहचाना क्या

आज हम हिंदी सिनेमा की खलनायिका बिंदु (Bindu) की बात कर रहे हैं जिन्होंने अपने किरदार को कुछ इस अंदाज में निभाया कि लोग उन्हें असल ज़िंदगी में भी खलनायिका ककी नजर से ही देखने लग गए थे.

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तस्वीर में दिख रही इस पॉपुलर विलेन एक्ट्रेस को पहचाना क्या
नई दिल्ली:

70-80 का वो दौर जब महिलाओं को कुछ भी करने की इतनी आजादी नहीं होती थी, उस दौर में बॉलीवुड की एक ऐसी अदाकारा थीं जो अपने हुस्न के जादू से लोगों को दीवाना बना दिया करती थीं. जी हां, आज हम आपको बॉलीवुड की एक ऐसी खलनायिका से रूबरू कराने जा रहे हैं जिनकी फिल्म में पूछ हीरोइन से भी ज्यादा हुआ करती थी. इनको चाहने वाले इन्हें मोना डार्लिंग के नाम से भी जानते हैं.  अब तक तो आपने पहचान लिया होगा कि हम  हिंदी सिनेमा की उस खलनायिका की बात कर रहे हैं जिन्होंने अपने किरदार को कुछ इस अंदाज में निभाया कि लोग उन्हें असल ज़िंदगी में भी खलनायिका ककी नजर से ही देखने लग गए थे. 

कौन हैं ये मोना डार्लिंग 

 बिल्कुल ठीक पहचाना आपने... तस्वीर में ग्रे कलर की शॉर्ट ड्रेस पहनें घुंघराले बालों में नजर आ रहीं और कोई नहीं अपने जमाने की मशहूर खलनायिका बिंदु हैं.  हिंदी सिनेमा में मोना डार्लिंग के नाम से मशहूर बिंदु ने विलेन के किरदार को इस तरीके से निभाया कि लोगों की चहेती बन गईं. बिंदु का जन्म 17 अप्रैल 1941 को गुजरात में हुआ था. बिंदु को लोग इतना पसंद करते थे कि फिल्म में हीरोइन से ज्यादा उनकी पूछ हुआ करती थी. उनके किरदार ने लोगों के दिलों में छाप छोड़ दी थी. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लोग असल जिंदगी में भी उन्हें खलनायिका के तौर पर ही देखते लगे थे.  बिंदु को पसंद करने वाले जानते हैं कि फिल्म जंजीर में बिंदु ने मोना  नाम की लड़की का किरदार निभाया जिसे विलेन अजीत मोना डार्लिंग कहकर बुलाया करते थे. इसके बाद रियल लाइफ में भी उन्हें मोना डार्लिंग के नाम से ही जाना जाने लगा.

बनना चाहती थीं हीरोइन, बन गईं विलेन 

अपने फिल्मी करियर की शुरुआत बिंदु ने 1962 में आई फिल्म अनपढ़ से की थी. इसके बाद फिल्म इत्तेफाक में भी उन्होंने बेहतरीन काम किया जिसके बाद दोनों ही फिल्में बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त हिट साबित हुईं. महज 13 साल की उम्र में पिता के निधन के बाद बिंदू ने अपने घर की जिम्मेदारियां संभाल ली थीं. बढ़ती उम्र के साथ बिंदु को अपने पड़ोस में रहने वाले चंपकलाल जावेरी से प्यार हो गया और फिर दोनों ने शादी रचा ली. एक इंटरव्यू में खुद बिंदु ने बताया था कि वो फिल्म हीरोइन बनना चाहती थीं लेकिन जब उन्होंने एंट्री ली तब खलनायक की का दौर काफी ज्यादा था. उन्होंने कहा था कि, 'उस वक्त हर किसी ने मेरे अंदर कमियां खोज निकलीं और ये कहा गया कि मैं हीरोइन बनने के लायक नहीं हूं. फिर दो रास्ते फिल्म के साथ में विलेन बन गई और कटी पतंग के गाने 'मेरा नाम है शबनम' के बाद मुझे आइटम क्वीन के नाम दिया गया '.

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