लंदन में रहते हुए इस एक्ट्रेस ने सुपरस्टार को मान लिया था पति, प्यार के लिए सीखी उर्दू, स्टार करता रहा इग्नोर फिर एक दिन...

ये एक्ट्रेस पहले लंदन में रहा करती थीं. फिल्मों में काम करने के लिए मुंबई आईं लेकिन आने से पहले ही ये एक हीरो को दिल दे चुकी थीं.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
दूर देश में बैठे बैठे इस एक्टर की दीवानी हो गई थीं सायरा
नई दिल्ली:

एक अल्हड़ उम्र की लड़की जो फिल्मी दुनिया से कोसों दूर लंदन में रहती है. दूर देस में रहते हुए ही उसे हिंदी फिल्मों के एक सुपरस्टार से प्यार हो जाता है. उम्र यही कोई रही होगी 14 या 16 साल. इस अल्हड़ उम्र में इस हसीना ने सोच लिया था कि वो शादी करेंगी तो इसी स्टार से करेंगी. अपने प्यार की खातिर सितार सीखा और उर्दू जुबान पर भी काम किया. लेकिन ये सारी मेहतन उस स्टार के रवैये के आगे बेकार साबित हुई जो उनकी तरफ देखता भी नहीं था. ये स्टार थे बॉलीवुड की ट्रैजेडी किंग दिलीप कुमार और इनकी दीवानी थीं सायरा बानो. वे बहुत कम उम्र में ही ये मानने लगी थीं कि वही मिसेज दिलीप कुमार बनेंगी.

इग्नोर करते थे दिलीप कुमार

लंदन से फिल्मों में काम करने के लिए सायरा बानो मुंबई आईं. उनका परिवार पहले से ही दिलीप कुमार का परिचित था. इसलिए उनकी मम्मी ने मुंबई में उनके लिए जो घर चुना वो भी दिलीप कुमार के घर के पास ही था. लेकिन दिलीप कुमार ने कभी उन पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया. उसकी एक वजह थी कि वो दिलीप कुमार से काफी छोटी थीं और दिलीप कुमार ने उन्हें बहुत छोटी उम्र से देखा था. वो उन्हें एक बच्ची की तरह ही ट्रीट करते थे. यही वजह थी कि उन्होंने कभी सायरा बानो के साथ कोई फिल्म भी नहीं की.

एक पार्टी ने बदली सोच

दिलीप कुमार ने राम और श्याम में काम करने से पहले मना कर दिया था. क्योंकि वो सायराबानो को भी ऑफर हुई थी. इसी बीच सायरा बानो के घर में एक पार्टी हुई. सायरा के बर्थडे के मौके पर उनकी मम्मी ने एक पार्टी रखी. इस पार्टी में दिलीप कुमार भी आए थे और फिल्म इंड्स्ट्री के काफी लोग भी पहुंचे थे. इस पार्टी में सायराबानो भी बहुत अच्छे से तैयार होकर आईं और साड़ी पहनी. तब पहली बार दिलीप कुमार ने उन्हें गौर से देखा था और उसके बाद उन्होंने सायरा को लवली लेडी कह कर कॉम्पलिमेंट दिया. इसके बाद दोनों की मुलाकातों का सिलसिला चल निकला और सायराबानों की बचपन की आरजू भी पूरी हुई.

Advertisement
Featured Video Of The Day
RSS Chief Mohan Bhagwat और BJP के अलग-अलग बयानों की पीछे की Politics क्या है?