बॉलीवुड की दुनिया में एक स्टार ऐसा भी हुआ है जिसने तकरीबन 150 फिल्मों में काम किया. बतौर सपोर्टिंग एक्टर उनके काम को तारीफें भी मिलीं लेकिन एक मुकम्मल पहचान कभी नहीं बन सकी. इतनी फिल्मों के बाद भी नाम मशहूर न हो तो शायद कोई भी एक्टर ये तसल्ली कर लेगा कि चलो यूं ही ठीक है, कम से कम काम तो मिलता रहा. लेकिन इस एक्टर के करियर में कुछ और दिलचस्प ट्विस्ट आने बाकी थी. इस एक्टर को सिनेमा में बहुत काम मिला लेकिन टीवी पर सिर्फ एक ही ब्रेक मिला. ये सिंगल ब्रेक सारी फिल्मों के काम पर भारी पड़ गया और इस एक्टर को अमर कर गया.
फिल्में कीं, डायलॉग लिखे
हम जिस एक्टर की बात कर रहे हैं, वो एक्टर हैं सज्जन कुमार, जो एक मंझे हुए थियेटर आर्टिस्ट रहे हैं. सज्जन कुमार के करियर की शुरुआत 1941 में आई फिल्म मासूम और फिर चौरंगी से हुए. इन फिल्मों में उन्हें बहुत ही छोटे रोल मिले. इसके बाद वो उस दौर का कलकत्ता छोड़ कर मुंबई आ गए और यहां बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर भी काम किया. इसके अलावा भी वो कुछ और डायरेक्टर के साथ जुड़े रहे. इस मेहनत के साथ वो 35 रु. बतौर सैलरी कमा लेते थे. उन्होंने मीना फिल्म के लिए डायलॉग भी लिखे और कुछ गाने भी लिखे. इसके अलावा वो एक्टिंग की दुनिया में भी सक्रिय रहे. उनकी आखिरी फिल्म 1986 में आई मूवी शत्रु थी.
टीवी सीरियल में किया काम
सज्जन कुमार ने करीब 150 फिल्मों में कभी छोटे मोटे तो कभी अहम रोल किए. लेकिन जिस पहचान की उन्हें दरकार थी वो मिली एक टीवी सीरियल से. सज्जन कुमार विक्रम बेताल नाम के सीरियल में बेताल के किरदार में नजर आए. नब्बे के दशक में जो लोग दूरदर्शन देखा करते थे. उन्हें खूब याद होगा कि विक्रम बेताल सीरियल में रामायण में राम बनने वाले अरुण गोविल राम के किरदार में थे. और, उनकी पीठ पर लदने वाले बेताल के रोल में सज्जन कुमार ने जान डाल दी थी.
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