फिल्म निर्माता बड़े रिस्क पर अपनी फिल्मों का निर्माण करते हैं, क्योंकि फिल्म नहीं चली तो उनका करोड़ों रुपया एक पल में डूब जाता है, लेकिन फिल्म चलने पर वहीं करोड़ों रुपये डबल हो जाते हैं. हिंदी सिनेमा का ऐसा ही सितारा था, जिसने अलग जोनर की फिल्मों का निर्माण किया और इंडियन सिनेमा में अपना नाम दर्ज करा लिया. इस दिग्गज एक्टर को देशभक्ति फिल्मों के लिए जाना जाता था. यह एक्टर कोई और नहीं बल्कि भारत कुमार के नाम से मशहूर मनोज कुमार हैं, जिनका आज 4 अप्रैल को निधन हो गया है. मनोज कुमार ने कई सुपरहिट फिल्में डायरेक्ट की हैं, जिसके लिए उन्होंने अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया था.
इस फिल्म ने ढाया था कहर
मनोज कुमार ने बतौर डायरेक्टर 7 फिल्में डायरेक्ट की थी, जिसमें उपकार, रोटी कपड़ा और मकान व पूरब और पश्चिम शामिल हैं. मनोज कुमार ने एक फिल्म और डायरेक्ट की थी, जिसने बॉक्स ऑफिस पर तूफान ला दिया था. इस फिल्म का नाम था 'क्रांति' जो 1981 में रिलीज हुई थी. इस साल की यह सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी. मनोज कुमार ने इस फिल्म को खून-पसीना एक कर बनाई थी. इसमें वह खुद भी नजर आए थे. फिल्म में शत्रुघ्न सिन्हा, दिलीप कुमार, मनोज कुमार, हेमा मालिनी, प्रेम चोपड़ा और परवीन बाबी अहम रोल में थे. यह इंडियन सिनेमा की महंगी फिल्मों में से एक है.
फिल्म के लिए बेचा बंगला
फिल्म क्रांति की स्क्रिप्ट शोले के राइटर सलीम-जावेद ने ही लिखी थी. क्रांति से मनोज कुमार चार साल बाद पर्दे पर लौटे थे. क्रांति का बजट 3 करोड़ रुपये थे, लेकिन फिल्म की शूटिंग शुरू होते ही प्रोड्यूसर पीछे हट गए. फिर मनोज कुमार ने इस फिल्म के लिए अपनी जेब से पैसा खर्च किया. इसके लिए मनोज कुमार ने अपना दिल्ली वाला बंगला बेच दिया और मुंबई में भी अपनी प्रॉपर्टी को दांव पर लगा दिया. क्रांति ने रिलीज होते ही थिएटर में हंगामा मचा दिया. यह फिल्म थिएटर में 400 दिनों तक टिकी रही. क्रांति की सिल्वर जुबली और गोल्डन जुबली का सेलिब्रेशन भी हुआ. क्रांति ने कमाई में शोले को मात दी थी. शोले ने 15 करोड़ तो क्रांति ने 20 करोड़ रुपये कमाए थे. लेकिन क्रांति के बाद मनोज कुमार के खाते में कोई हिट फिल्म नहीं आई और उनकी करियर खत्म हो गया.