इस फोटो में सिगरेट सुलगा रहे ये दोनों शख्स हैं गजल के बादशाह, एक को बचपन में थी म्यूजिक से चिढ़- दोनों ही दुनिया को कह चुके हैं अलविदा

इस फोटो में दो महान सिंगर सिगरेट सुलगाते नजर आ रहे हैं. इनकी गायकी के करोड़ों दीवाने हैं और दोनों ही इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं. बताएं नाम.

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नई दिल्ली:

‘दिल ढूंढता है फिर वही फुर्सत के रात दिन..' और ‘आने से उसके आए बहार' जैसे सदाबहार गानों को अपनी आवाज देकर अमर कर देने वाला गायक भूपिंदर सिंह की आज पहली डेथ एनिवर्सरी है. देश के बेहतरीन गजल गायक के तौर पर उनकी पहचान अमिट है. उन्होंने बॉलीवुड के भी ढेरों गाने गाए, उनकी आवाज में एक भारीपन था, जो उनकी खासियत थी. उनकी डेथ एनिवर्सरी पर उनकी एक पुरानी तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें वह जगजीत सिंह के साथ नजर आ रहे हैं.

भूपिंदर और जगजीत की जोड़ी

ट्विटर पर शेयर हुई इस तस्वीर में भूपिंदर सिंह, गजल के एक और महान गायक जगजीत सिंह के साथ नजर आ रही हैं. दोनों ने होठों से सिगरेट दबा रखी है और भूपिंदर, जगजीत सिंह की सिगरेट जलाते नजर आते हैं. जगजीत और भूपिंदर एक ही दौर के गजल गायक थे और दोनों के बीच अच्छी दोस्ती भी थी.

दूरदर्शन से हुई शुरुआत

भूपिंदर सिंह को संगीत की शिक्षा अपने पिता से मिली थी. कहा जाता है कि उनके पिता इतनी कठोरता के साथ संगीत सिखाते थे कि बचपन में भूपिंदर को संगीत से नफरत हो गई थी, लेकिन बाद में यही उनकी जिंदगी बन गई. उनकी शुरुआत आकाशवाणी से हुई. ऑल इंडिया रेडियो से ही उनको गायकी के क्षेत्र में आगे मौका मिला. ऑल इंडिया में भूपिंदर की गायकी सुनने के बाद संगीतकार मदन मोहन ने उन्हें मुंबई बुलाया और उन्हें फिल्म ‘हकीकत' में गाने का मौका मिला. फिल्म में 'होके मुझे मजबूर बुलाया होगा' गजल को उन्होंने अपनी आवाज दी.

ढेरों सुपरहिट गाने

बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाने की जद्दोजहद के बीच भूपिंदर अपनी खुद की गजल लिखने लगे और उसे ड्रम और गिटार के साथ पेश किया. इस तरह वो मशहूर होने लगे और फिर बॉलीवुड में 'मौसम', 'सत्ते पे सत्ता', 'अहिस्ता अहिस्ता', 'दूरियां' जैसी ढेरों फिल्मों में उन्होंने अपनी आवाज दी.

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