देव आनंद और राज कपूर से भी ज्यादा हिट हो गए थे ये दो लड़के, छोड़ी दोस्ती की अमिट छाप, लेकिन अचानक...

दो दोस्तों की कहानी कुछ ऐसा रंग लाई कि दो एक्टर रातों रात बड़े सितारे बन गए. उस दौर के दूसरे नामचीन सितारे मसलन राज कपूर, राजेंद्र कपूर और देवानंद से ज्यादा लोगों को इन दो सितारों को फिर से स्क्रीन पर देखने का इंतजार था.

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एक यादगार गाने से फिल्मी दुनिया पर छोड़ी दोस्ती की अमिट छाप
नई दिल्ली:

करीब छह दशक पहले सिनेमाई पर्दे पर एक ऐसी फिल्म नजर आई, जिसने दोस्ती की खास मिसाल पेश की. वैसे तो इस फिल्म का एक एक गीत हिट था, लेकिन एक गीत ऐसा था जिसने लोगों के दिलों को छू लिया. दो दोस्तों की कहानी कुछ ऐसा रंग लाई कि दो एक्टर रातों रात बड़े सितारे बन गए. उस दौर के दूसरे नामचीन सितारे मसलन राज कपूर, राजेंद्र कपूर और देवानंद से ज्यादा लोगों को इन दो सितारों को फिर से स्क्रीन पर देखने का इंतजार था. पर, अफसोस जिस तेजी से ये दोनों एक्टर शोहरत की बुलंदियों पर पहुंचे. उतना ही तेजी से नीचे भी आए और गुमनाम भी हो गए. क्या आप जानते हैं कौन है ये दो एक्टर और किस फिल्म में साथ आए थे नजर.

इस फिल्म में दिखे साथ

ये दोनों एक्टर एक साथ दिखे थे साल 1964 में आई फिल्म दोस्ती में. फिल्म राजश्री प्रोडक्शन के तहत बनी थी. जो उस साल की तीसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी थी. इस फिल्म में सुधीर कुमार सावंत और सुशील कुमार सोमाया लीड रोल्स में थे. दोनों ने दो पक्के दोस्तों की भूमिका अदा की थी. जिसमें से एक अंधा होता है और दूसरा पैरों से लाचार, जो बैसाखी के सहारे चलता था. जिस साल ये फिल्म रिलीज हुई उस साल राज कपूर की फिल्म संगम भी रिलीज हुई. संगम को एक फिल्म फेयर अवॉर्ड मिला था जबकि ये फिल्म सात केटेगरी में नॉमिनेट हुई और छह अवॉर्ड जीतने में कामयाब रही.

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नहीं टिक सकी शौहरत

इस फिल्म से दोनों को शौहरत तो मिली, लेकिन वैसा काम नहीं मिल सका जिसकी उम्मीद थी. उसके बाद शायद ही कोई ऐसी हिट फिल्म आई, जिसमें इन दोनों का साथ बॉक्स ऑफिस पर कमाल दिखा सका हो. इन दोनों में से एक एक्टर सुधीर कुमार का साल 1993 में ही निधन हो गया. सुशील कुमार के बारे में बताया जाता है कि वो अपने परिवार के साथ मुंबई में ही रहते हैं.

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