Javed Akhtar Birthday: भारतीय सिनेमा में जब भी किसी प्रसिद्ध गीतकार और लेखक का जिक्र होता है, तो उसमें जावेद साहब का नाम जरूर लिया जाता है. जावेद अख्तर आज यानी कि 17 जनवरी को अपना 79वां जन्मदिन मना रहे हैं. वो मशहूर शायर जां निसार अख्तर के बेटे हैं. हालांकि, इतनी बड़ी शख्सियत के बेटे होने के बाद भी उन्हें माया नगरी में पैर जमाने में काफी संघर्ष करना पड़ा. आइए आज उनके जन्मदिन के मौके पर हम आपको बताते हैं कि कैसे जावेद अख्तर ने 27 रुपये लेकर मुंबई का सफर पूरा किया और यहां आकर संघर्ष से भरी जिंदगी जी.
पाकिस्तानी लेखक से इंस्पायर्ड थे जावेद साहब
जावेद अख्तर का जन्म 17 जनवरी 1945 को ग्वालियर में जां निसार अख्तर के घर हुआ. उन्होंने ज्यादातर अपना बचपन लखनऊ में ही गुजरा. इस दौरान अपने पिता की तरह उन्हें भी लिखने का बहुत शौक था और वो पाकिस्तानी लेखक इब्न-ए-सफी से काफी इंस्पायर्ड रहे. इतना ही नहीं जावेद अख्तर को दिलीप कुमार की फिल्में देखना भी बहुत अच्छा लगता था. इसी के चलते उन्हें साहित्य और सिनेमा के प्रति झुकाव हुआ और उन्होंने मुंबई जाने का फैसला किया.
27 रुपये लेकर माया नगरी पहुंचे जावेद साहब
एक इंटरव्यू के दौरान जावेद अख्तर की वाइफ शबाना आजमी ने बताया था कि जब जावेद साहब 19 साल के थे तो केवल 27 रुपए लेकर मुंबई के सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर उतर गए थे. शुरुआती दिनों में उन्हें खूब संघर्ष करना पड़ा, एक समय तो ऐसा भी था जब चार दिन तक जावेद अख्तर भूखे पेट तक सोए थे. इतना ही नहीं कई रातें उन्होंने पेड़ के नीचे बिताई और कई बार तो उन्हें जोगेश्वरी में कमाल अमरोही स्टूडियो के बाहर रहकर भी गुजारनी पड़ी.
खूब रंग लाई सलीम खान और जावेद अख्तर की जोड़ी
जावेद अख्तर और सलीम खान की जोड़ी 70 के दशक की सबसे मशहूर जोड़ी में से एक मानी जाती है, दोनों ने 24 से ज्यादा फिल्मों के डायलॉग लिखे. इतना ही नहीं सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के सफल करियर के पीछे भी सलीम और जावेद साहब का हाथ बताया जाता है, जिन्होंने उनके लिए लगातार काम किया. इसके बाद जावेद अख्तर ने बतौर गीतकार अपने करियर को आगे बढ़ाया और बेस्ट लिरिक्स के लिए उन्हें पांच बार नेशनल अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है.