बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार कहलाने वाले राजेश खन्ना को ये शायद एहसास भी न हुआ हो कि जिस फिल्म की वजह से उन्हें एक अलग इमेज मिलेगी. वही फिल्म उनकी जिंदगी का असली दर्द बन जाएगी. राजेश खन्ना ने अपने फिल्मी करियर में ढेरों फिल्में की. वो एक मात्र ऐसे फिल्मी सितारे माने जाते हैं, जिनकी बैक टू बैक 11 फिल्में सुपरहिट रहीं और वो फिल्मी पर्दे पर रोमांस के बादशाह बन गए. अपनी रोमांटिक इमेज के बीच राजेश खन्ना ने दर्द से जूझते जिंदादिल किरदार वाली एक फिल्म की थी. ये फिल्म तो आई, हिट हुई और चली गई. लेकिन उसकी कहानी राजेश खन्ना के साथ हमेशा हमेशा के लिए रह गई.
हम यहां बात कर रहे हैं फिल्म आनंद की. इस फिल्म में राजेश खन्ना को रेयर किस्म का कैंसर होता है, जिसमें उनका बचना मुश्किल हो जाता है. पूरी फिल्म में उन्हें ये पता रहता है कि वो बहुत जल्द खत्म होने वाले हैं और जिंदादिली के साथ दिन गुजारते हैं. फिल्म के एंड के साथ उनकी भी मौत हो जाती है. दर्शकों को गमजदा छोड़ उनका फेवरेट सुपरस्टार फिल्म में मर जाता है. आखिर में कुछ बचा रह जाता है तो वो होती है उसकी आवाज जो जिंदगी को जिंदादिली के नाम से जीने का सबक सिखाती है.
ये भी क्या इत्तेफाक है कि जो बीमारी राजेश खन्ना को आनंद फिल्म में होती है. असल जीवन में भी वही रोग उन्हें अपने साथ लेकर हमेशा हमेशा के लिए चला गया. राजेश खन्ना को ढलती उम्र में कैंसर ने अपने शिकंजे में ले लिया था. कहा जाता है कि वो अल्कोहल के काफी ज्यादा शौकीन थे, जो उनकी सेहत के लिए खतरा बन गया. आनंद फिल्म की तरह ही असल जीवन में उन्हें ये अहसास हो गया था कि बस अब उनका अंत समय नजदीक है.
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