फिल्म में एक विलेन का होना उतना ही जरूरी है जितना कि एक हीरो का. हीरो की ताकत का अंदाजा विलेन के जुल्मों से ही पता चलता है. हिंदी सिनेमा में कई स्टार्स ने विलेन बनकर अपनी अमिट छाप छोड़ी है. इसमें अमजद खान, अमरीश पुरी, प्राण, डैनी, गुलशन ग्रोवर और आशुतोष राणा समेत कई स्टार्स के नाम शामिल है, लेकिन 70 के दशक में गब्बर के रोल से अमजद खान ने विलेन बनकर जो छाप छोड़ी है, उसे कोई धूमिल नहीं कर पाया है, लेकिन शोले के बाद एक ऐसा एक्टर आया है, जिसने अपनी खलनायकी से दो चार नहीं बल्कि 14 हीरो को धूल चटा दी थी.
फिल्म की लंबी चौड़ी स्टार कास्ट
यह एक मल्टीस्टारर फिल्म थी, जिसमें 15 हीरो एक साथ नजर आए थे, लेकिन इन 15 स्टार्स में एक ऐसा भी था, जो बाकी 14 स्टार्स पर अकेले भारी पड़ गया. इस फिल्म को राजकुमार संतोषी ने डायरेक्ट किया था और इसका डाकू पूरी फिल्म अपने नाम कर गया. हालांकि फिल्म में इस डाकू को देखने के बाद लोगों को गब्बर की भी याद आई थी. यह फिल्म 27 नवंबर 1998 को रिलीज हुई थी. इस फिल्म का नाम था चाइना गेट, जिसमें अमरीश पुरी, नसीरुद्दीन शाह, डैनी डेन्जोंगपा, मुकेश तिवारी, ओम पुरी, समीर सोनी, कुलभूषण खरबंदा, टीनू आनंद, परेश रावल, विजू खोटे, जगदीप, अनुपम खेर, अंजन श्रीवास्तव, ममता कुलकर्णी और उर्मिला मातोंडकर थे.
50 दिन तक नहीं नहाया था एक्टर
इस फिल्म का गाना छम्मा-छम्मा आज भी पॉपुलर है, लेकिन इस फिल्म में विलेन की एंट्री कैसे हुई यह बहुत ही दिलचस्प है. फिल्म के विलेन जगीरा का रोल एक्टर Mukesh Tiwari ने निभाया था. जब मुकेश को इस रोल के लिए फोन आया तो आया उनके पास मुंबई जाने के पैसे नहीं थे, फिर मुकेश की मदद उनके एक दोस्त ने की और वह मुंबई पहुंचे. इस किरदार के लिए मुकेश 50 दिनों तक नहाए नहीं थे. उन्हें रोल के मुताबिक गंदा दिखना था, लेकिन बदबू से बचने के लिए परफ्यूम का इस्तेमाल किया गया था. बदबू की वजह से उनके पास चील-कौवे भी मंडराने लगे थे. यहां तक कि शूटिंग के दौरान घोड़ा भी उन्हें देख बेकाबू हो गया था. इसी फिल्म का डायलॉग है, 'मेरे मन को भाया मैं कुत्ता काट के खाया'. फिल्म 9.25 करोड़ रुपये के बजट में बनी और 22.30 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया था.