बॉलीवुड में कई बार गानों की धुनें मिलती-जुलती नजर आती हैं. ऐसा ही हुआ माधुरी दीक्षित की फिल्म खलनायक के मशहूर गाने 'चोली के पीछे क्या है' के साथ. ये गाना 90 के दशक में रिलीज हुआ था और अपने बोल और म्यूजिक दोनों की वजह से सुपरहिट हुआ था. बाद में इसी गाने की धुन का इस्तेमाल ब्रिटिश फिल्म स्लमडॉग मिलियनेयर के गाने 'रिंगा रिंगा' में किया गया. दोनों गानों की धुन इतनी मिलती-जुलती थी कि दर्शकों ने तुरंत कनेक्शन पकड़ लिया. एक तरह से कहा जाए तो बॉलीवुड की इस धुन ने हॉलीवुड तक अपनी पहचान बना ली.
एआर रहमान बोले- जैसे ‘चोली के पीछे' गाया था, वैसे ही गाओ
सिंगर अलका याग्निक ने एक पुराने इंटरव्यू में बताया कि जब उन्हें 'रिंगा रिंगा' गाने का ऑफर मिला, तो शुरुआत में उन्हें इसके बोल कुछ अजीब लगे थे. वे समझ नहीं पा रही थीं कि इसे किस अंदाज में गाया जाए. तभी संगीतकार एआर रहमान ने उन्हें समझाया, 'आपने ‘चोली के पीछे क्या है गाया था, यह गाना उसी तरह का है, बस थोड़ा घुमा-फिराकर गाना होगा.' अलका याग्निक ने उसी जोश और लय में गाना रिकॉर्ड किया. उन्हें उस वक्त यह अंदाजा नहीं था कि यह धुन दुनिया भर में इतनी बड़ी हिट बन जाएगी और फिल्म को ऑस्कर जैसे अवॉर्ड्स तक पहुंचा देगी.
‘रिंगा रिंगा' से गूंजा ऑस्कर मंच
साल 2008 में रिलीज हुई स्लमडॉग मिलियनेयर भारत की झुग्गियों में पले एक लड़के की इंस्पायरिंग कहानी थी. इस फिल्म ने न सिर्फ ऑडियंस का दिल जीता बल्कि अपने संगीत से पूरी दुनिया को प्रभावित किया. 'रिंगा रिंगा' गाना भारतीय लोकधुनों से सजा हुआ था, और इसकी बीट्स सुनकर दर्शक थिरक उठे. भारतीय दर्शकों ने तुरंत पहचान लिया कि इस धुन में खलनायक के 'चोली के पीछे क्या है' की झलक है. इस गाने और फिल्म दोनों ने भारतीय संगीत और संस्कृति को इंटरनेशनल लेवल पर पहचान दिलाई.
8 ऑस्कर जीतकर रचा इतिहास
फिल्म "स्लमडॉग मिलेनियर" बॉलीवुड नहीं, बल्कि एक ब्रिटिश फिल्म है, जिसका डायरेक्शन डैनी बॉयल ने किया था. बता दें, फिल्म की कहानी भारत के बारे में थी और मुंबई की गलियों में हुई थी. बता दें, स्लमडॉग मिलियनेयर ने 81 वें ऑस्कर में बेस्ट पिक्चर और बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट सिनेमेटोग्राफी, बेस्ट एडिटिंग, बेस्ट ओरिजिनल स्कोर, बेस्ट साउंड मिक्सिंग और बेस्ट स्क्रीनप्ले का अवॉर्ड जीता था. वहीं इस फिल्म का 'जय हो' गाना भी काफी हिट हुआ था.