नरगिस और सुनील दत्त की लव स्टोरी बॉलीवुड इतिहास की पॉपुलर कहानियों में से एक है. इस जोड़े की मुलाकात 1957 की फिल्म "मदर इंडिया" के सेट पर हुई और वे जल्द ही एक-दूसरे के प्यार में पड़ गए. सुनील, नरगिस को देखते ही उनसे इंप्रेस हो गए और नरगिस, सुनील का दया से भरा दिल और हंसी मजाक वाला बर्ताव देखकर उनकी तरफ खिंची चली गईं.
नरगिस और सुनील दत्त की कहानी
नरगिस की पर्सनल लाइफ बहुत अच्छी नहीं थी और उन्हें लगातार परेशानियां झेलनी पड़ती थीं. राज कपूर के साथ उनका रिश्ता काफी लंबा चला लेकिन वह किसी मुकाम पर नहीं पहुंच पाया. किश्वर देसाई की किताब 'डार्लिंग जी: द ट्रू लव स्टोरी ऑफ नरगिस एंड सुनील दत्त' के मुताबिक 1957 में जब नरगिस की जिंदगी में सुनील आए तो वह इतनी परेशान हो गई थीं कि उन्होंने आत्महत्या करने के बारे में सोच लिया था. नरगिस एक खराब रिश्ते और एक ऐसे परिवार के बीच फंसकर टूटने की कगार पर पहुंच गई थीं जो शायद ही उन्हें जानता था और तभी सुनील ने उनकी जिंदगी में एंट्री ली.
इस जोड़े के प्यार की परीक्षा तब हुई जब मदर इंडिया के सेट पर आग लग गई. सुनील नरगिस को बचाने के लिए दौड़े और इस दौरान वह बुरी तरह घायल हो गए. आखिर में नरगिस को एहसास हुआ कि वह उनसे प्यार करती हैं. नरगिस ने खुद अपनी डायरी में भी इसका जिक्र किया था. बॉलीवुड के ट्रीविया शेयर करने वाले इंस्टाग्राम पेज bollywoodtriviapc के मुताबिक नरगिस ने अपनी डायरी में लिखा, "अगर वह नहीं होते तो शायद मैं 8 मार्च से पहले ही अपनी जिंदगी खत्म कर चुकी होती. क्योंकि मैं ही जानती हूं कि मेरे अंदर क्या उथल-पुथल चल रही थी. 'मैं चाहता हूं कि तुम जिंदा रहो,' उन्होंने कहा और मुझे लगा कि मुझे जीना होगा...सबकुछ दोबारा शुरू करना होगा."
सुनील दत्त नरगिस को बचाते हुए घायल भी हुए थे. जब नरगिस, सुनील के पैस बैठीं तो उन्हें अहसास हुआ कि वह सुनील दत्त की हिम्मत से बहुत इंप्रेस हुईं. बहुत समय हो गया था जब किसी ने उनके लिए कुछ किया हो. वह ऐसी थीं जो हमेशा दूसरों के लिए किया करती थीं.