सत्तर और अस्सी के दशक में अपनी सादगी, सुंदरता और मधुर आवाज से सबका दिल जीतने वाली सुलक्षणा पंडित हिंदी सिनेमा की उन अभिनेत्रियों में गिनी जाती हैं, जिनका टैलेंट जितना बड़ा था, शोहरत उतनी नहीं मिल पाई. सुलक्षणा पंडित का निधन हो गया है. 71 साल की सुलक्षणा लंबे समय से बीमार थीं. आइए जानते हैं कैसा था उनका जीवन…
1. फिल्मों में शानदार शुरुआत
सुलक्षणा ने 1975 में फिल्म ‘उलझन' से डेब्यू किया था, जिसमें उनके हीरो थे संजीव कुमार. इसके बाद उन्होंने ‘फकीरा', ‘अपनापन', ‘खानदान' और ‘हेरा फेरी' जैसी फिल्मों में दमदार रोल किए. उनकी सादगी और भावनाओं से भरा अभिनय दर्शकों को बेहद पसंद आया.
2. गायक परिवार की शान
सुलक्षणा का जन्म एक संगीत-प्रधान परिवार में हुआ. वह मशहूर संगीतकार जोड़ी जतिन-ललित की बहन हैं.
3. आवाज जिसने दिल छू लिया
सुलक्षणा ने फिल्मों में कई हिट गाने गाए. उनका गीत ‘तू ही सागर है तू ही किनारा' (संकल्प,1975) आज भी सुना जाता है. इसी गीत के लिए उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला. इसके अलावा ‘बेचारा दिल क्या करे' (खुशबू) और ‘बांधी रे' (फकीरा) जैसे गाने भी सुपरहिट हुए.
4. अधूरी मोहब्बत की कहानी
कहा जाता है कि सुलक्षणा पंडित संजीव कुमार से प्यार करती थीं, लेकिन उनका यह प्यार कभी पूरा नहीं हो सका. संजीव कुमार ने उनसे शादी नहीं की, और उनकी मौत के बाद सुलक्षणा ने भी शादी न करने का फैसला लिया.
5. गुमनाम जिंदगी और यादें
90 के दशक के बाद उन्होंने फिल्मों से दूरी बना ली और बहुत शांत, एकांत जीवन जीने लगीं. आज वे बॉलीवुड की उन कलाकारों में गिनी जाती हैं जिनकी कला बेमिसाल थी, मगर किस्मत ने साथ नहीं दिया.