रणबीर कपूर और आलिया भट्ट स्टारर फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' इस समय काफी चर्चा में है. 'आरआरआर' और 'बाहुबली' फेम एस. एस राजामौली ने बुधवार को कहा कि उन्हें अयान मुखर्जी की फिल्म की सबसे अच्छी बात यह लगी कि यह 'अस्त्रों' की कहानी कहने का एक व्यावसायिक तरीका है, और 'ब्रह्मास्त्र' भारतीय संस्कृति को दुनिया के सामने ले जाएगी. फिल्म की रिलीज से पहले चेन्नई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाग लेते हुए फिल्म को प्रस्तुत कर रहे मशहूर निर्देशक ने कहा कि 'ब्रह्मास्त्र' न केवल सबसे बहुप्रतीक्षित फिल्मों में से एक है, बल्कि यह साल की सबसे महंगे प्रोडक्शन में से एक है.
राजामौली ने कहा कि अयान ने एक ऐसी दुनिया बनाने का सपना देखा था, जिसे हमने पहले कभी नहीं देखा. और वह है अस्त्रों की शानदार दुनिया, जिसके बारे में हमने अपने इतिहास, अपने पुराणों से जाना है. एस एस राजामौली ने कहा कि बचपन में हमने इन अस्त्रों के बारे में सुना था, लेकिन उनकी भव्यता कभी नहीं देखी. उन्होंने कहा कि अयान ने यही सपना देखा है. यह एक लंबा सफर है जो वर्ष 2014 से शुरू हुआ. इसमें उन्हें करण जौहर, रणबीर, आलिया, नागार्जुन और अमित सर का पूरा सहयोग मिला है. राजामौली ने इस शानदार यात्रा का हिस्सा बनाने के लिए सभी का आभार जताया.
आखिर उन्हें 'ब्रह्मास्त्र' इतनी पसंद क्यों आई? इस बारे में राजामौली ने कहा कि, "अयान ने जो दुनिया बनाई है, उसे बनाना आसान नहीं है. अयान ने एक ऐसी शक्ति बनाई है जिसकी अभी भी कुछ सीमाएं हैं. उन्होंने एक बड़ा खलनायक बनाने की गुंजाइश प्रदान की और बुराई पर जीत के लिए अच्छाई के संघर्ष की एक गुंजाइश भी बनाई. यह एक परी कथा की तरह नहीं है. यह अस्त्रों की कहानी कहने के एक व्यावसायिक तरीके की तरह है और मुझे 'ब्रह्मास्त्र' के बारे में यही चीज पसंद है".
उन्हें यह फिल्म क्यों पसंद आई इस बात को आगे बढ़ाते हुए निर्देशक ने कहा कि, "अयान ने यह सुनिश्चित किया है कि 'वानर अस्त्र', 'अग्नि अस्त्र', 'जलास्त्र' और 'ब्रह्मास्त्र' सहित सभी अस्त्रों में प्रेम सबसे मजबूत है. इस तथ्य को केवल संवादों के जरिए बोलकर नहीं बल्कि उन्होंने इस बात को सुनिश्चित किया कि उनका यह विचार भी सामने आए कि प्यार हर चीज पर जीत हासिल करेगा".