सिनेमा की दुनिया में कब किस का सितारा बुलंद होगा, किसका सितारा डूबेगा ये कोई नहीं कह सकता. हो सकता है आज जो अर्श पर है कल वो फर्श पर हो. और, आज जो सड़क की खाक छान रहा है कल वो सितारों की गिनती का हिस्सा हों. फिल्मी दुनिया में हर किरदार में फिट होने वाला ये एक्टर भी ऐसी ही शख्सियत का मालिक है. जिसे पहली ही फिल्म के लिए लड़ाई लड़ना पड़ी. लेकिन जब कामयाबी हासिल हुई तब पलट कर नहीं देखा. अपनी गलतियों से ही सबक लिया और पूरी दुनिया को ये दिखा दिया कि अगर जज्बा हो तो कभी भी कुछ भी हो सकता है. ऐसा ही कुछ भाई बहन के साथ पोज दे रहा बायीं तरफ खड़ा बच्चे है करियर रहा है.
पहली फिल्म में हुआ झगड़ा
हम जिस एक्टर की बात कर रहे हैं वो हैं फिल्म इंड्स्ट्री में कभी विलेन, कभी केरेक्टर आर्टिस्ट, कभी कॉमेडियन बन कर आने वाले एक्टर अनुपम खेर. जो कॉमिक रोल में जितने फिट हैं सीरियस रोल्स में भी उतने ही संजीदा नजर आते हैं. जिनकी एक्टिंग पर कभी भी कोई सवाल नहीं उठा सकता. अनुपम खेर का फिल्मी सफर शुरू हुआ था फिल्म सारांश से, ये सभी जानते हैं. अनुपम खेर को अपनी पहली ही फिल्म में एक उम्रदराज शख्स का किरदार निभाना था. वो उसकी प्रेक्टिस भी शुरू कर चुके थे. अचानक उन्हें खबर मिली कि मेकर्स फिल्म में किसी जाने पहचाने चेहरे को लेना चाहते हैं. ये सुनते ही गुस्से में अनुपम खेर डायरेक्टर महेश भट्ट के पास पहुंचे और उन्हें खूब बुरा भला कहा. महेश भट्ट भी अनुपम खेर का दर्द समझा और इस जिद पर अड़ गए कि अनुपम खेर होंगे तब ही डायरेक्शन का काम करेंगे. जिसके बाद अनुपम खेर को काम वापस मिल सका.
जेल में गुजारी रात
अनुपम खेर जब मुंबई आए तो चंद रुपए ही लेकर आए थे. तंगी के चलते वो कई रातें प्लेटफॉर्म पर सोने के लिए ही मजबूर रहे. प्लेटफॉर्म पर सोने की वजह से अक्सर वो ट्रैक क्रॉस कर एक से दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाया करते थे. इसी प्रक्रिया में एक दिन बीच ट्रेक पर उन्हें एक शख्स मिला. जिसने उन्हें हाथ दिया. अनुपम खेर उनका हाथ पकड़ लिया और शख्स उन्हें पकड़ कर थाने के कमरे में ले गया. दरअसल वो रेलवे पुलिस का हिस्सा था जो गलत तरीके से ट्रेक क्रॉस कर रहे लोगों को पकड़ता था. हालांकि जल्द ही अनुपम खेर को छोड़ भी दिया गया.