कोविड-19 की वजह से हुए लॉकडाउन के दौरान सोनू सूद ने बढ़ चढ़कर मुसीबत में फंसे लोगों की मदद की थी. इसके बाद से तो उनका नाम गरीबों के मसीहा के तौर पर ही याद किया जाता है. सोनू भी समय-समय पर कुछ ऐसा कर जाते हैं जो लोगों का दिल छू जाता है. अब एक बार फिर वो अपने मददगार स्वभाव की वजह से ही चर्चा में हैं. दरअसल बिहार के 65 वर्षीय खिलानंद झा हाल ही में सूद से मिलने के लिए मुंबई पहुंचे. सोनू को वह प्यार से 'गरीबों का मसीहा' या गरीबों का मसीहा नाम से पुकारते हैं. संघर्षों और आर्थिक तंगी से भरी झा की कहानी से सोनू सूद का दिल पसीज गया और उन्हें झा की मदद के लिए हाथ बढ़ाने का फैसला लिया.
अगर आपको इस बारे में नहीं पता है तो बता दें कि खिलानंद झा की पत्नी मिनोती पासवान का इस साल की शुरुआत में लकवे की वजह से निधन हो गया. उनके इलाज पर करीब 12 लाख रुपये खर्च हुए और यह सारा कर्ज खिलानंद के सिर पर था. उन्होंने लेनदारों से थोड़ा समय मांगा और कोविड-19 महामारी के दौरान लोगों की मदद करने वाले सोनू सूद से मदद मांगी. झा उम्मीदों के साथ मुंबई आए और अपने बेटे के साथ सोनू सूद के ऑफिस में उनसे मुलाकात की. एक्टर जो अपने परोपकारी कामों के लिए जाने जाते हैं उन्होंने बुजुर्ग व्यक्ति के हालात के प्रति सहानुभूति व्यक्त की और उन्हें मदद देने के लिए तुरंत राजी हो गए.
सोनू सूद और खिलानंद झा के बीच मुलाकात देश भर में आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोगों के लिए उनके सपोर्ट और अथक कोशिशों का ही एक सबूत है. इसके अलावा सूद की मदद हमें उस पॉजिटिव असर की याद दिलाती है जो एक व्यक्ति दूसरों के जिंदगी पर डाल सकता है. संघर्ष की कहानियों को आशा और विजय की कहानियों में बदल देता है.