लोकप्रिय भारतीय गायक और गीतकार पलाश सेन, जिन्हें भारत के रॉक/पॉप बैंड यूफोरिया के संस्थापक और फ्रंटमैन के रूप में जाना जाता है उन्होंने बहु-भाषा माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म - कू (Koo) पर 1 लाख फॉलोअर्स के आंकड़ो को पार कर लिया है. इंडी पॉप स्टार ने अपने कू हैंडल का प्रयोग करते हुए अपने प्रशंसकों और फॉलोअर्स को धन्यवाद देते हुए कहा,"मैंने कू पर काफी कम समय में 100k फॉलोअर्स को पार कर लिया है, जबकि मैं अन्य जगहों पर ये संख्याओं को पार करने के लिए संघर्ष कर रहा हूं, ऐसा तब ही होता है जब कोई प्लेटफॉर्म निष्पक्ष होता है, जिसका एक निष्पक्ष एल्गोरिदम होता है और वे बिकाऊ नहीं होता है और ये तब ही सम्भव है जब एक प्लेटफॉर्म भारतीय होता है. हमे ऐसा ही एक प्लेटफॉर्म देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद."
Koo AppJust crossed 100k followers in the shortest time on Koo, while I'm struggling to push out numbers on all the others.. This is what happens when a platform is unbiased, has a fair algorithm and is not for SALE.. This is what happens when the platform is Indian.. Thankoo So Much for making it happen people!- Dr. Palash Sen (@palashsen) 16 Nov 2021
पलाश सेन, जो कि एक योग्य डॉक्टर भी हैं वे इस साल की शुरुआत में ही मेड-इन-इंडिया अभिव्यक्ति मंच में शामिल हुए और अपने आठ एल्बम 'सेल' के लॉन्च के साथ अपनी वापसी की घोषणा की. इन 7-गीतों में शैलियों,ध्वनियों, अंदाज,भावनाओं और जीवन के अनुभवों के गीत शामिल थे. पलाश के करियर में दौरान अलग-अलग समयों पर लिखा गया प्रत्येक गीत उनके और बैंड द्वारा देखी या महसूस की गई वास्तविक जीवन की कहानी को दर्शाता है.
कू के बारे में
कू को मार्च 2020 में भारतीय भाषाओं में एक बहुभाषी माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म के रूप में स्थापित किया गया था और अब भारत भर में इसके 15 मिलियन से अधिक यूजर्स हैं, जिनमें प्रतिष्ठित लोग भी शामिल हैं. अनेक भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होने के कारण भारत के विभिन्न क्षेत्रों के लोग अपनी मातृभाषा में स्वयं को अभिव्यक्त कर सकते हैं. एक ऐसे देश में जहां भारत का सिर्फ 10% हिस्सा अंग्रेजी बोलता है, एक ऐसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की अत्यधिक आवश्यकता है जो भारतीय उपयोगकर्ताओं को व्यापक भाषा अनुभव प्रदान कर सके और उन्हें एक दूसरे से जुड़ने में मदद कर सके. कू उन भारतीयों की आवाज के लिए एक मंच प्रदान करता है जो भारतीय भाषाओं को पसंद करते हैं.
Dhamaka के डायरेक्टर Ram Madhvani से बातचीत