कभी हीरोइन दौड़ते हुए स्टेशन पर पहुंचती है और हीरो ट्रेन की गेट पर हाथ बढ़ाए उसका इंतजार कर रहा होता है, फिर चलती ट्रेन में उसे खींचता है. तो कभी हीरो-हीरोइन ट्रेन की सफर में ही पहली बार मिलते हैं और प्यार हो जाता है. वहीं कभी-कभी तो पूरी की पूरी फिल्म भी एक ट्रेन के अंदर बन जाती है. हिंदी सिनेमा और ट्रेन का पुराना नाता रहा है. हीरो गांव छोड़ कर मुंबई जा रहा हो या फिर लंबे इंतजार के बाद हीरो-हीरोइन एक हो रहे हों, ट्रेनें हमेशा से फिल्मों का हिस्सा रही हैं. यही वजह से कि कुछ स्टेशन्स और ट्रेनें फिल्मों की शूटिंग के लिए पसंदीदा रहे हैं. इन सब का फायदे रेलवे को भी खूब होता है. रेलवे इन फिल्मों की शूटिंग से एक साल में करोड़ों रुपए की कमाई करती है. आइए जानते हैं कि वो कौन से स्टेशन्स हैं, जो फिल्मों के लिए हमेशा पसंद किए जाते रहे हैं.
शूटिंग के लिए कौन से हैं फेवरेट स्पॉट
रिपोर्ट्स के अनुसार वेस्टर्न रेलवे के स्टेशन्स पर सबसे अधिक शूटिंग होती है. इसके कुछ स्टेशन्स और बिल्डिंग्स फिल्म मेकर्स के फेवरेट रहे हैं. मुंबई सेंट्रल टर्मिनस स्टेशन, साबरमती स्पोर्ट्स ग्राउंड, चर्चगेट मुख्यालय और स्टेशन भवन, गोरेगांव स्टेशन, लोअर परेल वर्कशॉप, कांदिवली और विरार कारशेड, केलवे रोड, पारडी रेलवे स्टेशन, पातालपानी रेलवे स्टेशन, कालाकुंड रेलवे स्टेशन और मुंबई सेंट्रल कुछ ऐसी जगहें हैं, जहां फिल्मों की जमकर शूटिंग होती है.
इन फिल्मों की हुई शूटिंग
हाल के सालों में एक विलेन रिटर्न्स, पैडमैन, शेरशाह, बेल बॉटम, OMG 2, लंच बॉक्स, हीरोपंती, गब्बर इज बैक, एयरलिफ्ट, रा वन, फैंटम, ये जवानी है दीवानी, तेरे नाम, लक्ष्मी, काई पो चे, आत्मा, घायल रिटर्न, कमीने, हॉलिडे, थुपकी (तमिल), डीडे, गुजराती फिल्म कच्छ एक्सप्रेस और लोचा लापसी, मराठी फिल्म आपली थपड़ी जैसी फिल्मों की शूटिंग रेलवे स्टेशनों या बिल्डिंग्स या फिर ट्रेनों में हुई है. कमाई की बात करें तो 2022-23 के वित्त वर्ष में वेस्टर्न रेलवे ने फिल्मों की शूटिंग से डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक की कमाई की है.
ये भी देखें: पैपराजी ने सिद्धार्थ के साथ फोटो के लिए किया रिक्वेस्ट, अदिति ने कहा - "मुमकिन नहीं"