Sikandar Review in Hindi: जानें कैसी है सलमान खान और रश्मिका मंदाना की सिकंदर, पढ़ें मूवी रिव्यू

Sikandar Review in Hindi: सलमान खान और रश्मिका मंदाना की सिकंदर सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है. पढ़ें फिल्म रिव्यू...

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Sikandar Review In Hindi: सिकंदर का रिव्यू हिंदी में
नई दिल्ली:

Sikandar Review in Hindi: ए.आर. मुरुगदॉस के निर्देशन में बनी फिल्म ‘सिकंदर' 30 मार्च को वर्ल्डवाइड सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है. सलमान खान, रश्मिका मंदाना, काजल अग्रवाल, सत्यराज, शरमन जोशी और प्रतीक बब्बर जैसे कई कलाकार अहम भूमिकाओं में नजर आ रहे हैं. फिल्म में 31 साल छोटी एक्ट्रेस के साथ सलमान खान स्क्रीन पर रोमांस करने के अलावा धांसू एक्शन करते हुए भी दिखाई दे रहे हैं. इसके चलते सोशल मीडिया पर भी सिकंदर की चर्चा सुनने को मिल रही है. इसीलिए हम आपके लिए लाए हैं सलमान खान की सिकंदर का रिव्यू . 

सिकंदर की कहानी

सिकंदर की कहानी राजकोट के राजा यानी संजय की है. वो अपनी पत्नी रश्मिका मंदाना से बहुत प्रेम करते हैं, लेकिन काम में कुछ ज्यादा ही व्यस्त रहते हैं. लेकिन उनकी पत्नी यानी रानी उनकी रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहती है. सिकंदर की ढाल बनी रानी के साथ कुछ ऐसा होता है कि राजा से उसका साथ छूट जाता है. फिर टूटा हुआ राजा अपनी जिदंगी की कड़ियों को जोड़ने की कोशिश करता है. बस यही सिकंदर की कहानी है. कहानी में कोई नयापन नहीं है. डारेक्टर ने कुछ इस तरह की कहानी ली है जो समझ से परे हैं. ए.आर. मुरुगादॉस गजनी के डायरेक्टर हैं तो यहां भी लीड कपल का बिछड़ना दिखाया गया है. कुल मिलाकर ऐसी कहानी है जो ना तो समझ आती है और ना ही परदे पर जमती है. 

सिकंदर का डायरेक्शन

ए.आर. मुरुगादॉस ने बॉलीवुड में आमिर खान के साथ गजनी और अक्षय कुमार के साथ हॉलिडे जैसी फिल्में बनाई हैं. दोनों ही कामयाब रही. लेकिन इस बार मुरुगादॉस ना तो ईद के मौके का सही इस्तेमाल कर सके और ना ही भाईजान का ही. फिल्म रिलीज से पहले ही प्लॉट काफी जाहिर हो गया था. कुल मिलाकर कमजोर कहानी और बहुत ही खराब डायरेक्शन की मिसाल मुरुगादॉस ने पेश की है. कहीं से भी लगता नहीं है कि ये उनकी फिल्म. बेशक सलमान खान की एंट्री से उन्होंने माहौल और दुश्मनी सेट कर दी थी, लेकिन उसके बाद फिल्म ताश के पत्तों की तरह बिखर जाती है. मुरुगादॉस को एक बार फिल्म को देखकर अपने डायरेक्शन के बारे में जरूर सोचना चाहिए।

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सिकंदर में एक्टिंग

सलमान खान पूरी फिल्म में जिस तरह से डायॉग बोल रहे हैं. एक्टिंग कर रहे हैं और चल भी रहे हैं, वो बहुत ही निराश करने वाला है. उनका स्वैग कहीं नजर नहीं आता है. मुरुगादॉस ने उन्हें इस तरह क्यों पेश किया ये तो वही जानें. लेकिन सलमान खान इस कैरेक्टर को करने में कोई भी एक्स्ट्रा एफर्ट नहीं किया है. फिल्म में पूरे समय वह डिस्कनेक्ट भी रहते हैं. रश्मिका मंदाना ठीक ठाक हैं. सत्यराज सलमान खान की फिल्मों के अब तक के सबसे कमजोर विलेन के तौर पर सामने आए हैं. शरमन जोशी एक मौके पर आकर इरिटेट करते हैं. कुल मिलाकर प्रतीक बब्बर को जितना रोल मिला है, उन्होंने उसे अच्छे से निभाया है. 

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सिकंदर वर्डिक्ट

सलमान खान की सिकंदर एक फिल्म कम और एक अच्छे शख्स को लेकर विज्ञापन जरूर लगती है. डायरेक्टर मुरुगादॉस ने निराश किया है. प्रतीक बब्बर फिल्म में बेस्ट हैं. सलमान खान थके हुए लगते हैं. डायलॉग भी स्लो मोशन में बोलते हैं. ये फिल्म किसी का भाई किसी की जान से भी खराब है अब अंदाजा लगाया जा सकता है. मुरुगदॉस ने क्या बनाया है.

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रेटिंग:  1.5/5 स्टार

डायरेक्टर: ए.आर. मुरुगदॉस

कलाकार:  सलमान खान, रश्मिका मंदाना, काजल अग्रवाल, सत्यराज, शरमन जोशी, प्रतीक बब्बर और अन्य. 

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