श्वेता तिवारी ने हमेशा अपने पहले पति राजा चौधरी के साथ भावनात्मक रूप से थका देने वाले तलाक के बारे में खुलकर बात की है. हिंदुस्तान टाइम्स की एक पुरानी रिपोर्ट के अनुसार, तलाक अभिनेत्री के लिए मानसिक रुप से ही नहीं, आर्थिक रूप से भी चुनौतीपूर्ण था. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि समझौते के तहत वह मलाड में एक बेडरूम का फ्लैट देने के लिए तैयार हुईं, जिसकी कीमत 93 लाख रुपये है. वह और राजा संयुक्त रूप से उस फ्लैट के मालिक हैं. उनकी कानूनी टीम ने शुरू में राजा और उनकी बेटी पलक को लेकर बराबर अधिकार रखने के लिए बोला था. लेकिन राजा ने बेटी के बजाए संपत्ति को प्राथमिकता दी. पिछले साल, गलटा इंडिया के साथ एक बातचीत में श्वेता तिवारी ने बताया कि उन्हें अपनी खराब शादी से निकलने में कई साल लगे.
जब उनसे पूछा गया कि उन्हें शुरुआत में इस परेशानी भरे रिश्ते से बाहर आने से किसने रोका, तो श्वेता ने कहा, 'मेरे पूरे परिवार में किसी ने कभी प्रेम विवाह नहीं किया था. मैंने किया था. हमारे परिवार में जातिगत समस्याएं भी थीं, फिर भी मैंने अंतरजातीय विवाह किया. लोगों ने पहले ही मेरी मां को ताना मारना शुरू कर दिया था और मेरी शादी को जज करना शुरू कर दिया था. इसके अलावा, अगर मैंने तलाक के लिए अर्जी दी होती, तो यह पूरी तरह से अलग बात होती. उस समय ऐसा नहीं था कि मैं आर्थिक रूप से स्वतंत्र नहीं थी, बल्कि यह भावनात्मक बात थी. मैं अपनी बेटी के बड़े होने पर उसके पिता न होने को लेकर चिंतित थी. बाद में मुझे एहसास हुआ कि आपका परिवार तभी खुशहाल हो सकता है, जब आप मानसिक रूप से खुश हों.
श्वेता तिवारी ने आगे कहा, 'अपने बच्चे का एक अव्यवस्थित परिवार में रखना अच्छी परवरिश नहीं है. अगर दो लोग एक साथ नहीं रह सकते, तो अलग हो जाना ही बेहतर है.' राजा चौधरी और श्वेता तिवारी की शादी 1998 में हुई थी. श्वेता ने 2007 में घरेलू हिंसा और राजा की शराब पीने की समस्या के आधार पर तलाक के लिए अर्जी दी. उनकी एक बेटी पलक तिवारी है, जिसने सलमान खान की फिल्म किसी का भाई किसी की जान से डेब्यू किया था.