फिल्म निर्देशक शूजीत सरकार ने कहा कि वह अपनी फिल्म ‘सरदार उधम' में दिखाए गए समानता एवं एकता से विचारों से दर्शकों को जुड़ाव महसूस करता देखकर ‘‘अभिभूत'' है. यह फिल्म उधम सिंह के नजरिए से 1919 के जलियांवाला बाग नरसंहार को दिखाती है. जलियांवाला बाग कांड के समय पंजाब के गर्वनर जनरल रहे माइकल ओ'' डायर को लंदन में जाकर गोली मारने वाले स्वतंत्रता सेनानी एवं क्रांतिकारी उधम सिंह के जीवन पर आधारित फिल्म ‘सरदार उधम' को आलोचकों एवं दर्शकों से काफी प्रशंसा मिल रही है. यह फिल्म इस महीने की शुरुआत में प्राइम वीडियो पर रिलीज की गई थी.
फिल्मकार ने कहा कि वह स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह और उनकी लेखनी के प्रशंसक रहे हैं और वह नहीं चाहते थे कि विकी कौशल अभिनीत फिल्म ‘सरकार उधम' प्रतिशोध की कहानी बने. उन्होंने कहा कि वह अपनी फिल्म में यह बताना चाहते थे कि उधम सिंह और अन्य युवा क्रांतिकारियों ने जो मार्ग चुना, उन्हें उसकी प्रेरणा कहां से मिली. सरकार ने कहा, ‘‘मैं यह कहना चाहता था कि यह सिर्फ प्रतिशोध की कहानी नहीं है. उधम सिंह केवल बदला लेने के लिए लंदन नहीं गए थे. उन्होंने (1940 में) ओ'डायर की हत्या इसलिए की, क्योंकि उनके पास और कोई विकल्प शायद नहीं था. मुझे ऐसा लगता है.''
उन्होंने कहा, ‘‘एक क्रांतिकारी और एक आतंकवादी के बीच का अंतर बहुत कम है. उनके (ब्रितानियों के) लिए वह शायद एक अपराधी या आतंकवादी थे, लेकिन हमारे लिए वह क्रांतिकारी थे, इसलिए मैंने यह फैसला दर्शकों पर छोड़ दिया.'' ''विकी डोनर'', ''पीकू'', ''अक्टूबर'' और ''गुलाबो सिताबो'' जैसी फिल्मों के लिए मशहूर सरकार ने कहा कि उनकी टीम ने फिल्म के कुछ अहम दृश्यों को पर्दे पर उतारने के लिए व्यापक शोध किया है, जिन्हें उनके संयमित चित्रण के लिए सराहा गया है. सरकार ने कहा, ‘‘सिनेप्रेमियों से जो प्रतिक्रिया मिल रही है और वह जिस तरह फिल्म से जुड़ाव महसूस कर रहे हैं, वह अभिभूत करने वाला है.''