Happy B'Day Sharmila Tagore: शर्मिला की इस अदा पर फिदा हुए थे मंसूर अली खान पटौदी, शादी के लिए माननी पड़ गई थी ये शर्त

शर्मिला टैगोर के जन्मदिन पर जाने उनकी जिंदगी से जुड़ी सबसे खूबसूरत कहानी

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Sharmila Tagore के जन्मदिन पर जानें खास बातें
नई दिल्ली:

प्यार की ये वो कहानी है जो बॉलीवुड के करिश्माई पर्दे से शुरू हुई और क्रिकेट के मैदान पर जाकर खत्म हुई.खूबसूरती की मल्लिका के हाथ में बॉल थी और बल्ला थामे थे क्रिकेट के सूरमा मंसूल अली खान पटौदी. जिन्हें क्रिकेट ने टाइगर बनाया, पर बॉलीवुड की शेरनी के आगे सिवाय प्यार के कोई शॉट काम नहीं आया. हर अदा की गुगली पर टाइगर सौ सौ बार बोल्ड हुए. पहले ब्रेकअप किया, फिर अम्मी अब्बू की नाराजगी मोल ली. पर प्यार की पिच पर रन आउट मंजूर नहीं किया. उस दौर की सबसे बेहतरीन अदाकाराओं में शुमार शर्मिला टैगोर नवाब मंसूर अली खान की मोहब्बत बनीं. क्रिकेट और बॉलीवुड के बीच इकरार और तकरार के रिश्ते तो कई रहे लेकिन शादी के अंजाम तक पहुंचने वाला ये उस दौर का पहला किस्सा था. 

पहली मुलाकात बनी पहली नज़र का  प्यार

बात उस रात से शुरू होती है जब नवाब मंसूर अली खान की एक मित्र के घर शर्मिला टैगोर से मुलाकात होती है. उस समय वे सिमी को पसंद किया करते थे. शर्मिला की एक झलक देखी तो जज्बात बदल गए. पहली ही नजर में टाइगर को ये एहसास हो गया कि यही वो लड़की है जिसके हाथ थाम कर वो जिंदगी का मैच पूरा करना चाहेंगे. अगले ही दिन सिमी ग्रेवाल से कह दिया कि उनका रिश्ता खत्म हो गया. उस वक्त सिमी के मन में क्या हलचल हुई होगी कोई नहीं जानता. कुछ बरस बाद जब तीनों का आमना सामना सिमी के शो में हुआ तो कोई पुरानी कड़वाहट नजर नहीं आई.

अम्मी की शर्त पर भारी शर्मिला की शर्त

नवाब पटौदी और शर्मिला ने शादी का फैसला तो कर लिया, लेकिन शादी की मंजिल आसान नहीं थी. टाइगर की अम्मी साजिदा सुल्तान की शर्त रिश्ते के आड़े आ रही थीं. साजिदा सुल्तान ने शर्त रखी कि शर्मिला इस्लाम कबूल करेंगी तो ही ये शादी मंजूर होगी. शर्मिला भी इरादों की पक्की थी, सो साजिदा सुल्तान की शर्त कबूल हुई. शर्मिला आयशा सुल्तान बन गईं. अम्मी के आगे तो शर्मिला झुक गईं लेकिन उनकी एक शर्त ने टाइगर के सामने चैलेंज पेश कर दिया था. शर्मिला ने ऐसी शर्त रखी कि नवाब पटौदी को क्रिकेट के मैदान में खुद का प्यार साबित करना पड़ा. शर्मिला ने अगले मैच में छक्कों की हैट्रिक लगाने की शर्त रखी. पर नवाब भी ठहरे क्रिकेट के टाइगर, उन्हें भी पीछे हटना मंजूर न था. उन्होंने भी अगले मैच में एक के बाद एक छक्के जड़े और शर्मिला की मोहब्बत का मैच में हमेशा हमेशा के लिए नाबाद रहे.

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