'डर के साए में जीना पड़ता है…', अमेरिका में प्रवासी होने पर बोलीं शकीरा

शकीरा लंबे समय से प्रवासियों के समर्थन में आवाज उठाती रही हैं. इस साल ग्रैमी अवॉर्ड जीतने के बाद भी उन्होंने यह सम्मान अमेरिका में रह रहे सभी प्रवासियों को समर्पित किया था.

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अमेरिका में प्रवासी होने पर बोलीं शकीरा
नई दिल्ली:

ग्रैमी अवॉर्ड विजेता सिंगर शकीरा ने अमेरिका में प्रवासियों के हालात को लेकर चिंता जताई है. शकीरा का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप की आक्रामक इमिग्रेशन पॉलिसियों के कारण अमेरिका में प्रवासी होना अब पहले से कहीं ज्यादा मुश्किल हो गया है. कोलंबिया में जन्मी शकीरा, जो किशोरावस्था में मियामी आकर अपने म्यूजिक करियर की शुरुआत करने लगी थीं, ने कहा कि आज अमेरिका में एक प्रवासी के तौर पर रहना 'डर के साए में जीने जैसा' है. उन्होंने The Hollywood Reporter से बातचीत में कहा, 'यह डर के साथ जीने जैसा है. यह बहुत तकलीफ देने वाला है'.

शकीरा ने सभी लोगों के साथ सम्मान और इंसानियत से पेश आने की अपील की, चाहे उनकी कानूनी स्थिति कुछ भी हो. उन्होंने कहा, 'देश की इमिग्रेशन पॉलिसी बदल सकती है, लेकिन लोगों के साथ बर्ताव हमेशा मानवीय होना चाहिए'. शकीरा ने लोगों से अपील की कि वे अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठाएं और एकजुट रहें. उन्होंने कहा, 'आज, पहले से कहीं ज्यादा, हमें एक साथ खड़ा होना होगा और साफ-साफ कहना होगा कि हम सब इंसान हैं और हमें बराबरी का हक मिलना चाहिए'.

यह बयान ऐसे समय में आया है जब लॉस एंजेलिस और अन्य शहरों में ICE छापों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. अभिनेत्री अन्ना केंड्रिक, जूलिया लुई-ड्रेफस और केरी वॉशिंगटन जैसी हस्तियां भी इन प्रदर्शनों में प्रवासियों के समर्थन में उतरी हैं. डोनाल्ड ट्रंप ने इन प्रदर्शनों को रोकने के लिए कैलिफोर्निया में नेशनल गार्ड भेजा है, जिसे लेकर राज्यपाल गेविन न्यूसम ने विरोध जताया और इस फैसले को वापस लेने की मांग की है.

शकीरा लंबे समय से प्रवासियों के समर्थन में आवाज उठाती रही हैं. इस साल ग्रैमी अवॉर्ड जीतने के बाद भी उन्होंने यह सम्मान अमेरिका में रह रहे सभी प्रवासियों को समर्पित किया था. उन्होंने कहा था, 'आप अकेले नहीं हैं, आप प्यार के हकदार हैं और मैं हमेशा आपके साथ खड़ी रहूंगी'.

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