बॉलीवुड की दिग्गज अदाकारा शबाना आजमी की अदाकारी की हर कोई तारीफ करता है और इंडस्ट्री का वो बड़ा नाम हैं, लेकिन एक समय ऐसा था जब शबाना हिंदी फिल्मों को अलविदा कहना चाहती थीं. फिल्म परवरिश के सेट पर डांस नहीं कर पाने की वजह से उन्हें शर्मिंदा होना पड़ा था और तब उन्होंने हिंदी फिल्में छोड़ने का मन बना लिया था. खुद एक इंटरव्यू के दौरान शबाना ने ये बात स्वीकार की थी.
कोरियोग्राफर ने उड़ाया था मजाक
शबाना आजमी ने साल 1974 में फिल्म अंकुर से फिल्मी करियर की शुरुआत की और उन्होंने पैरलल सिनेमा में अपना बड़ा नाम बनाया. इसके बाद वह मेनस्ट्रीम सिनेमा में भी अपनी अदाकारी दिखाने में सफल रहीं. हाल में एक पॉडकास्ट इंटरव्यू के दौरान शबाना ने बताया कि फिल्म परवरिश के दौरान डांस न कर पाने की वजह से उन्हें शर्मिंदा होना पड़ा था. उन्हें डांस करने में दिक्कत आ रही थी और उन्होंने कोरियोग्राफर कमल मास्टर से कहा था कि उन्हें रिहर्सल करने दें. लेकिन कमल नहीं माने और कहा कि रिहर्सल की जरूरत नहीं है, उनको बस ताली बजानी है.
निराश होकर छोड़ना चाहती थीं हिंदी सिनेमा
शबाना ने आगे बताया कि जब वह सेट पर गईं तो पता चला कि उन्हें फुल फ्लेज डांस करना है. चूंकि नीतू सिंह पहले से रिहर्सल कर चुकी थीं, वह कंफर्टेबल थीं. लेकिन शबाना काफी डर गई थीं. उन्होंने कोरियोग्राफर कमल से कहा कि क्या हम डांस स्टेप में कुछ बदलाव कर सकते हैं. इस पर जूनियर आर्टिस्ट के सामने कोरियोग्राफर ने उन्हें शर्मिंदा कर दिया. कमल ने कहा कि अच्छा चलिए अब शबाना जी सिखाएंगी कैसे डांस करना है. ये बात शबाना आजमी को काफी बुरी लगी और उन्होंने हिंदी फिल्मों से दूरी बनाने का फैसला ले लिया था. हालांकि बाद में फिल्म के डायरेक्टर मनमोहन देसाई ने इस बात को लेकर खेद जताया और उन्हें शांत किया.
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