बॉलीवुड में एक ऐसे कॉमेडियन हैं जिनका नाम ही दर्शकों के चेहरे पर मुस्कुराहट लाने के लिए काफी है. ऐसे ही उन्हें किंग ऑफ कॉमेडी नहीं कहा जाता है. सिल्वरस्क्रीन पर उनकी कॉमेडी का कोई मुकाबला नहीं है. जब वो पर्दे पर आते हैं तो उनके एक्सप्रेशंस देखकर ही लोग अपनी हंसी कंट्रोल नहीं कर पाते. जी हां आपने बिल्कुल ठीक पहचाना, यहां बात हो रही है बॉलीवुड के कॉमेडी किंग जॉनी लीवर की. पर शायद आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे की लोगो को हंसाने वाले इस कलाकार की ज़िंदगी दर्द और मुश्किलों से भरी रही जिसे सुन आपकी भी आंखें नम हो जाएंगी.
पैसों की तंगी के चलते छोड़नी पड़ी पढाई
14 अगस्त 1957 में जॉनी लीवर का जन्म आंध्र प्रदेश में में हुआ था. वो सिर्फ सातवीं क्लास तक ही पढ़े हैं. पैसों की तंगी के चलते जॉनी लीवर को सातवीं क्लास में ही पढ़ाई छोड़नी पड़ी. पिता की शराब पीने की लत ने मुश्किलें बढ़ा दी. दो वक्त की रोटी जुटाने के लिए जॉनी लीवर ने सड़कों पर पैन तक बेचे. जब पैन नहीं बिक पाते थे तो वो एक्टरों की नकल करके बेचने लगे. जॉनी लीवर ने अपने पिता के साथ हिंदुस्तान युनिलीवर कंपनी में काम भी किया. यहीं से उन्हें जॉनी लीवर नाम मिला.
13 साल की उम्र में की आत्महत्या की कोशिश
घर में पैसों की किल्लत और पिता के शराब पीकर मारपीट और झगड़ा करने की आदत से जॉनी लीवर परेशान हो गए थे. वो इतने हताश हो गए थे कि महज 13 साल की उम्र में उन्होंने जाने देने का मन बना लिया था. वो रेल लाइन पर जाकर लेट गए और ट्रेन आने का इंतजार करने लगे. तभी मौत का इंतजार कर रहे जॉनी लीवर की आंखों के सामने अचानक परिवार का चेहरा आया और फिर उन्होंने तुरंत इस प्लान को कैंसल कर दिया.
सुनील दत्त ने तराशा हीरा
करियर की शुरुआत में जॉनी लीवर म्यूजिकल शो और स्टैंड अप कॉमेडी करते थे. जॉनी लीवर ने 1982 में अमिताभ बच्चन के साथ एक टूर किया था जहां सुनील दत्त की नजर उन पर पड़ी. सुनील दत्त ने उनकी काबिलियत को पहचान और फिल्म दर्द का रिश्ता में पहला रोल दिया. हालांकि जॉनी लीवर को पहचान बाजीगर फिल्म से मिली. जॉनी लीवर को 13 बार फिल्मफेयर अवॉर्ड से नवाजा गया. बता दें की जॉनी लीवर ने 1980 के दशक से लेकर अब तक तकरीबन 350 फिल्मों में काम किया और सुपरहिट फिल्में दीं.