जब संजय दत्त की आंखों के सामने मोमबत्ती की तरह पिघलने लगे सुनील दत्त, क्या था इस सीन का सच

संजय दत्त ने बताया कि जिस वक्त वो ड्रग्स की गिरफ्त में उस वक्त किसी को नहीं पता था कि ये चीजें क्या थीं. इलाज के लिए कोई सेंटर नहीं थे.

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संजय दत्त
नई दिल्ली:

संजय दत्त हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के पॉपुलर स्टार किड हैं. उनकी जिंदगी किसी फिल्मी प्लॉट से कम नहीं रही. ये कहना भी गलत नहीं होगा कि क्योंकि बाबा की लाइफ पर तो फिल्म भी बन चुकी है. एक शानदार शुरुआत हुई लेकिन फिर भी वो अपने करियर के जहाज के टेक ऑफ नहीं करा पाए. उनकी पहली फिल्म थी 'रॉकी' इस फिल्म के साथ संजय दत्त ऑडियंस को इंप्रेस करने में कामयाब रहे. अपनी डेब्यू फिल्म से ही वो स्टार से बन गए थे लेकिन जिंदगी ने उनके लिए कुछ और ही प्लान बनाए हुए थे. संजय दत्त को कम उम्र में ड्रग्स की लत लग गई और इस लत ने उन्हें एक बार मौत के मुंह तक पहुंचा दिया था.

ट्राय किए थे हर तरह के ड्रग्स

संजय दत्त ने ड्रग्स के नाम पर हर तरह का एक्सपेरिमेंट किया. शायद ही कोई ऐसी चीज रही हो जो उनसे बची हो. इस लत की वजह से वो कामकाज, पर्सनल-प्रोफेशनल लाइफ हर चीज से दूर होते गए. संजू बाबा के बारे में लिखी गई एक किताब में उन्होंने खुद बताया था कि एक बार वह LSD के नशे में इतने चूर थे कि उन्हें लगा जैसे कि उनके पिता का चेहरा पिघल रहा है.

संजय दत्त ने इस लत के शुरुआती दिनों के बारे में बात की जब सुनील दत्त को इस सब के बारे में नहीं पता था. उन्होंने कहा, मैंने कोई एसिड खाया था, एलएसडी, इसे पर्पल हेज कहते हैं. यह आप पर कुछ देर बाद असर करता है. जब तक मैं ड्रग के असर का इंतजार कर रहा था तब तक पापा का कॉल आ गया. फोन पापा के ऑफिस से था और वो मुझसे तुरंत मिलना चाहते थे.

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संजय दत्त मना करना चाहते थे क्योंकि एलएसडी का असर होने वाला था लेकिन पापा रॉकी के शूटिंग शेड्यूल को लेकर बात करना चाहते थे. आखिर में उन्हें जाना ही पड़ा और एलएसडी असर दिखाने लगा. उन्होंने कहा, “तो पापा मुझसे बात कर रहे थे और अचानक ड्रग हिट कर गया. वह मुझसे बात कर रहे थे और मुझे अजीब-अजीब आवाजें आ रही थीं. मैं खुद से कह रहा था 'संजू तुम लड़खड़ा रहे हो. आराम से रहो. बस सिर हिलाते रहो. मैं सिर हिलाता रहा और जो सुनाई दे रहा था सुनता रहा.

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ड्रग का असर ऐसा था कि संजू बाबा को लगा पिघलने लगे पापा

ड्रग का ऐसा असर हुआ कि उन्हें कुछ का कुछ दिखाई देने लगा. वहीं सुनील दत्त को लगा कि बेटे को उनकी बातों में दिलचस्पी नहीं. संजय दत्त ने बताया, “अचानक मैंने देखा कि उसके सिर से एक विग निकला और उस विग में आग लग गई. मैं उसे देख रहा हूं और सोच रहा हूं कि 'क्या हो रहा है, यार!' दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने अपने पापा को उस आग से बचाने की भी कोशिश की. हालांकि, जल्द ही उन्हें असलियत समझ आनी बंद हो गई लगा जैसे कि सुनील दत्त मोम की तरह पिघलने लगे.

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फिर संजय दत्त ने उन्हें बचाने की कोशिश की. वो चिल्लाने लगे, पापा-पापा आप मरो मत...पिघलो मत. इस दौरान सुनील दत्त को कुछ पता नहीं चला और वो बस यही कहते रहे 'की होया, कि होया यार मेरे पुत्तर नू?'

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इस घटना के बारे में बताते हुए संजय दत्त ने कहा, ''उस समय किसी को नहीं पता था कि ये चीजें क्या थीं. इलाज के लिए कोई सेंटर नहीं थे. मेरे पिता को नहीं पता था, मेरी बहनों को नहीं पता था, दोस्तों को नहीं पता था. किसी को नहीं पता था कि ये पाउडर क्या है.”


 

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