सैयारा इन दिनों बॉक्स ऑफिस पर जमकर धूम मचा रही है. फिल्म ने सात दिन में बॉक्स ऑफिस पर लगभग 175.25 करोड़ रुपये का कलेक्शन कर लिया है. सैयारा की कहानी ही नहीं इस फिल्म के गाने भी खूब पसंद किए जा रहे हैं. लंबे समय बाद बॉलीवुड से ऐसे गाने आए हैं जिनके शब्द दिल में उतर जाते हैं और जिनकी लिरिक्स एकदम ओरिजिनल है. फिल्म सैयारा के सैयारा और हमसफर सॉन्ग ही नहीं बल्कि टीजर में सुनाई देने वाली पोएट्री ने भी दर्शकों के दिलों में जगह बनाई है. इन्हें लिखा है शब्दों के जादूगर और एक से बढ़कर एक गीत लिखने वाले मशहूर गीतकार इरशाद कामिल ने. इरशाद कामिल ने सैयारा के गानों और उनसे जुड़े प्रोसेस को लेकर बात की. आइए जानते हैं कैसा रहा उनका सैयारा का सफर...
1. मोहित सूरी के रोमांटिक यूनिवर्स में 12 साल बाद लौटे हैं, क्या खास वजह रही?
इरशाद कामिल: (हंस के) मेरी कोशिश हमेशा ज़िंदा गीत लिखने की होती है और मैं अक्सर रोमांटिक यूनिवर्स में ही रहता हूं. 'आशिकी 2' से लेकर 'सैयारा' तक मैंने जो भी फिल्में की हैं लगभग सभी रोमांटिक हैं. बस ये हुआ कि मैं और मोहित सूरी दोनों रोमांटिक यूनिवर्स में घूमते-घूमते फिर से मिल गए. दो क्रिएटिव लोगों के एक साथ काम करने की वजह शायद अच्छा काम करने के अलावा और कुछ नहीं होती. मैं बतौर डायरेक्टर भी मोहित की कदर करता हूं और गीत-संगीत की समझ के लिये भी. या फिर आप यूं मान लीजिये कि सैयारा शीर्षक गीत को ग्लोबल चार्ट्स में आना था, लोगों के दिलों में बसना था शायद इसीलिये कुदरत ने हम सबको मिला दिया.
2. मोहित सूरी ने जब आपको सैयारा के गाने लिखने के लिए कहा, कोई खास इशारा किया था या बात कही थी?
इरशाद कामिल: काफी देर के बाद मिले थे हम 'सैयारा' की म्यूजिक सिटिंग के लिये तनिष्क के स्टूडियो में क्योंकि मैं मोहित को हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के उन गिने-चुने निर्देशकों में मानता हूं जो गानों को फ़िल्म में उनका पूरा हक़ देते हैं. तो हम दोनों ने बात-बात में ये ज़रूर कहा था कि चलो कुछ मज़ेदार यादगारी काम करते हैं, पर ये ऐसी बात है जो शायद हर तकनीशियन काम शुरू करने से पहले ख़ुद को कहता होगा या आपस में बात करते हुए कहते होंगे. मुझे लगता है एक दूसरे के काम की कदर और ईमानदारी शायद बड़ी बात है जो हर बार हमारे लिये काम कर जाती है.
3. सैयारा के गानों को लिखने में कितना समय लगा?
इरशाद कामिल: कलाकार चौबीस घंटे ऑन ड्यूटी रहते हैं. मैं भी उन्हीं में से एक हूं, लगातार दिमाग चलता रहता है. तो सैयारा के गाने लिखने में कितना समय लगा या कितना नहीं ये कहना तो मुश्किल है लेकिन मैं ये जरूर कह सकता हूं कि इस पूरी प्रक्रिया के दौरान मजा बहुत आया.
4. आज जब गीतकार 2-3 मिनट के गानों में ढेरों इंग्लिश के शब्द डाल देते हैं. आपका सैयारा 6 मिनट 9 सेकंड का गाना है, इसमें इंग्लिश नहीं है, एहसास से लबरेज है, इस बारे में कुछ बताएं?
इरशाद कामिल: गीतकार किसी भी गाने में शायद अपनी मर्ज़ी से इंग्लिश नहीं डालता. उसे निर्देशक का जैसा लिखने के लिए कहता है वो लिखता है. किसी फिल्म के गाने अच्छे या बुरे होने की ज़िम्मेदारी तीन लोगों की होती है- निर्देशक, संगीतकार और गीतकार. गीत के बोल अच्छे होने की जिम्मेदारी सिर्फ गीतकार की है. 'सैयारा' गाना 6 मिनट 9 सेकंड का एक गहरा एहसास है, जब आप किसी एहसास को जी रहे होते हैं तो भाषा अपने आप सहज हो जाती है.
5. आपने सैयारा फ़िल्म के तीन गाने लिखे हैं, सबसे ज्यादा मशक्कत किस गाने को लिखने में लगी?
इरशाद कामिल: सिर्फ़ तीन गाने ही नहीं सैयारा की पोइट्री भी मैंने लिखी है. सबसे ज्यादा मेहनत मुझे उस पोइट्री को लिखने में लगी जिसने सैयारा शब्द का मतलब लोगों तक पहुंचाया. मुझे छोटी सी कविता लिखने के लिए कहा गया था लेकिन मैंने सैयारा शीर्षक से एक लम्बी नज़्म लिख दी. उसी पोइट्री पर फिल्म का पहला टीजर भी बनाया गया था.
6. दर्शक गीत सुनकर इमोशनल हो रहे हैं. फिल्म रिलीज के बाद कोई फैन या ऐसा वाकया जो कुछ हटकर रहा हो?
इरशाद कामिल: बहुत से मेल और सोशल मीडिया पर मैसेज आए हैं. बहुतों ने आदर और प्रेम दिया है. एयरपोर्ट पर एक मोहतरमा ने प्रशंसा में ऐसा भी कहा है कि आपको ऐसे गाने लिखने का कोई हक नहीं है जो हमें रोने के लिये मजबूर कर दें. पिछले साल आपने 'विदा करो' लिख कर ऐसा किया था और इस साल 'सैयारा' लिख कर रुला रहे हैं आप, मैं समझता हूं ये सब संगीत प्रेमियों का प्यार है जो मुझे हमेशा अच्छा लिखने के लिये प्रेरित करता रहता है.