इस फिल्म के लिए सैफ अली खान को नहीं दिए गए थे कपड़े, फिल्म मेकर्स ने कहा अपने ही ले आओ प्लीज, क्यों हुआ था ऐसा ?

सैफ अली खान की कास्टिंग भी आखिरी मोमेंट पर हुई थी. पर ऐसा क्या था जो आखिर में उनसे बात की गई और कपड़े तक नहीं दिए गए.

Advertisement
Read Time: 2 mins
नई दिल्ली:

अपने करियर के शुरुआती फेज में प्रीति जिंटा ने कुंदन शाह की फिल्म 'क्या कहना' में एक चैलेंजिंग रोल किया था. यह फिल्म अपनी बोल्ड और लीक से हटकर कहानी के लिए सराही गई थी. इस फिल्म में प्रीति जिंटा ने एक कॉलेज गर्ल के रोल में थी जो अपने बॉयफ्रेंड की वजह से प्रेग्नेंट हो जाती है. फिल्म में उनके साथ सैफ अली खान और चंद्रचूड़ सिंह भी थे. जबकि सैफ ने नेगेटिव रोल ने भी दर्शकों को खूब इंप्रेस किया. फिल्म मेकर ने हाल में खुलासा किया कि सैफ की कास्टिंग तो किस्मत और चांस की बात थी. क्योंकि उन्हें आखिरी मोमेंट पर फिल्म में साइन किया गया था.

क्या कहना की शूटिंग से एक दिन पहले सैफ अली खान को किया था साइन

द म्यूजिक पॉडकास्ट के साथ एक इंटरव्यू में टिप्स फिल्म्स के कुमार तौरानी ने 'क्या कहना' की मेकिंग और सैफ अली खान की अचानक कास्टिंग की यादें ताजा कीं. तौरानी ने खुलासा किया कि शुरुआत में उन्होंने इस रोल के लिए किसी दूसरे एक्टर को चुना था लेकिन वह शूटिंग के दिन पीछे हट गए. इस अचानक ना से फिल्म की पूरी टीम मुश्किल में पड़ गई. यह जानते हुए कि वे एक उस किरदार के बिना आगे नहीं बढ़ सकते उन्होंने तुरंत सैफ अली खान से मुलाकात की.

तौरानी ने बताया, उसी शाम वे सैफ के घर गए और उन्हें स्क्रिप्ट सुनाई. बिना किसी हिचकिचाहट के सैफ इस रोल के लिए तैयार हो गए. हीरो के लिए वॉर्डरोब का इंतजाम करने के लिए टाइम नहीं होने की वजह से उन्होंने सैफ से कहा कि वो शूटिंग के लिए अपने कपड़े लेकर आएं. हमने उनसे अपने कपड़े दिखाने को कहा. हमने उनके कपड़े सिलेक्ट किए और उनसे कहा कि प्लीज ये कपड़े लेकर आएं और कल सेट पर आएं और हमने शूटिंग शुरू कर दी."

Advertisement

'क्या कहना' में सैफ अली खान का नेगेटिव किरदार निभाना जहां वह अपने बच्चे की जिम्मेदारी लेने से इनकार करते हैं उनके नॉर्मल एवरेज रोल से अलग था. उस दौरान उन्होंने ज्यादातर रोमांटिक रोल किए थे लेकिन उन्होंने रिस्क लिया. हालांकि इस चैलेंजिंग रोल को अपनाने के उनके फैसले ने एक एक्टर के रूप में उनका टैलेंट सामने लेकर आया.

Featured Video Of The Day
Old Age Schools: बुजुर्गों को पढ़ा रहे बच्चे...Jharkhand के Tribal Region में बदलाव की हवा