साल 2018 में एक सीरीज आई थी 'सेक्रेड गेम्स.' यह ओटीटी का भारत में शुरुआती दौर था और इस सीरीज को नेटफ्लिक्स पर रिलीज किया गया था. इस सीरीज के सभी कैरेक्टर खूब लोकप्रिय रहे. फिर वह चाहे सरताज सिंह हो या फिर गणेश गायतोंडे या फिर कुक्कू, गुरुजी और बंटी. इस वेब सीरीज का दूसरा सीजन 2019 में रिलीज हुआ था. हाल ही में आईएमडीबी ने अब तक की टॉप 50 इंडियन वेब सीरीज ऑफ ऑल टाइम की लिस्ट जारी की है. इस लिस्ट में नवाजुद्दीन सिद्दीकी, सैफ अली खान, पंकज त्रिपाठी और राधिका आप्टे की वेब सीरीज 'सेक्रेड गेम्स' ने टॉप पर बाजी मारी है. सेक्रेड गेम्स की टॉप रैंकिंग की सफलता का जश्न मनाते हुए, शो रनर और को-डायरेक्टर विक्रमादित्य मोटवाने ने थ्रिलर सीरीज के पहले सीजन के बारे में कुछ अनसुने किस्से शेयर किए.
'सेक्रेड गेम्स' के को-डायरेक्टर के तौर पर अनुराग कश्यप पर भरोसा करने के बारे में विक्रमादित्य मोटवाने ने कहा, 'सेक्रेड गेम्स सीजन एक में, हमारे पास दो अलग-अलग दुनिया थीं. हमारे पास सरताज की दुनिया थी, मॉडर्न डे और वर्तमान समय था. और हमारे पास गायतोंडे की दुनिया थी, जो अतीत थी, उसका बचपन, उसकी जवानी और उसका शिखर तक पहुंचना. हम एपिसोड के हिसाब से शूट नहीं कर सके क्योंकि हमें दोनों को एक साथ शूट करना था. हम दो निर्देशकों को दो अलग-अलग दुनिया में काम करना पड़ा. ईमानदारी से कहूं तो एकमात्र निर्देशक जिस पर मैं भरोसा कर सकता था वह अनुराग (कश्यप) थे. हमने फिल्म की तरह शूट किया. उन्होंने अपनी शॉर्ट फिल्म की शूटिंग की. मैंने अपनी शॉर्ट फिल्म की शूटिंग की. आरती बजाज ने इसे जोड़ दिया.'
विक्रमादित्य मोटवाने ने 'सेक्रेड गेम्स' के अंगूठा काटने वाले लोकप्रिय सीन पर कहा, 'सेक्रेड गेम्स के आठवें एपिसोड में, हमारे पास अंगूठा काटने का लोकप्रिय दृश्य है जहां मैल्कम सरताज का अंगूठा काट देता है. यह कुछ ऐसा था जिसके बारे में हमने पहले स्क्रिप्ट में चर्चा नहीं की थी. वरुण (ग्रोवर) ने इसे एपिसोड आठ में रखने का प्रस्ताव दिया. जब मैंने इसे पढ़ा तो मैं चौंक गया, लेकिन यह बहुत रोमांचक था. शूट के दिन, भले ही यह नकली और एक शूट था, उस एक्शन सीक्वेंस को देखने के बारे में कुछ बहुत ही स्पष्ट था. उसका अंगूठा कट गया था और नकली खून ने इसे असली बना दिया था. सैफ अली खान ने अपने हाथ पर ढेर सारा खून लगा एक रूमाल रखा और उस दिन मैल्कम से लड़ते हुए ढेर सारा एक्शन किया. यह काम से भरा हुआ दिन था, लेकिन बहुत मजेदार था.'