Cirkus Movie Review: दिमाग की बत्ती बुझा देगी रोहित शेट्टी की 'सर्कस', पढ़ें रणवीर सिंह की फिल्म रिव्यू

Cirkus Review: रोहित शेट्टी बॉलीवुड के ब्लॉकबस्टर डायरेक्टर कहे जाते हैं. गोलमाल सीरीज, चेन्नै एक्सप्रेस, सिंघम, सूर्यवंशी और सिम्बा जैसी फिल्में उन्होंने दी है जिन्होंने बॉक्स ऑफिस पर जमकर धूम मचाई. जानें कैसी है सर्कस.

Advertisement
Read Time: 24 mins
नई दिल्ली:

रोहित शेट्टी बॉलीवुड के ब्लॉकबस्टर डायरेक्टर कहे जाते हैं. गोलमाल सीरीज, चेन्नै एक्सप्रेस, सिंघम, सूर्यवंशी और सिम्बा जैसी फिल्में उन्होंने दी है जिन्होंने बॉक्स ऑफिस पर जमकर धूम मचाई. एक बार फिर वह अपने भव्य अंदाज और लंबी-चौड़ी स्टारकास्ट के साथ लौटे. क्रिसमस और साल के आखिर में उनकी बिग बजट फिल्म 'सर्कस' रिलीज भी हो गई है. लेकिन रोहित शेट्टी स्टाइल फिल्म 'सर्कस' एंटरटेन करने के मामले में चूकती नजर आती है. रोहित शेट्टी जो मैजिक 'सिंघम', 'चेन्नै एक्सप्रेस' या 'सिम्बा' से पैदा कर पाए थे, वैसा वह 'सर्कस' के साथ नहीं कर पाते हैं और यह कॉमेडी फिल्म कई जगह पर एकदम सपाट हो जाती है. कहानी कमजोर है. कुल मिलाकर 'सर्कस' में हाई पावर करंट वाला हीरो होने के बावजूद यह दिमाग का फ्यूज ही उड़ा डालती है.

रोहित शेट्टी की सर्कस विलियम शेक्सपीयर के फेमस नाटक कॉमेडी ऑफ एरर्स से प्रेरित है. इस पर गुलजार पहले ही 'अंगूर' फिल्म बना चुके है. अब रोहित शेट्टी फिल्म बना रहे हैं तो उसमें उनका स्टाइल और टच रहता है. फिल्म की कहानी ऊटी के जमनादास अनाथ आश्रम से शुरू होती है. जहां दो-दो जुड़वां बच्चे हैं. फिर एक दिन इन जुड़वां बच्चों को गोद दे दिया जाता है. दो बच्चे अमीर परिवार में जाते हैं तो बच्चे सर्कस चलाने वाले परिवार का हिस्सा बनते हैं. लेकिन जब यह बच्चे बड़े होने पर एक दूसरे से टकराते हैं तो भूलभुलैया और गड़बड़ी की झड़ी लग जाती है. यही फिल्म की कहानी है. 

कहानी में बांधकर रखने का फैक्टर मिसिंग है. चीजों को बेवजह काफी खींचा गया है. भव्यता के चक्कर में बहुत सी चीजें नकली दिखती हैं. फिल्म के सेट भी असली होने का आभास नहीं देते हैं. 'सर्कस' की कहानी को जिस दौर में सेट किया गया है, वह भी ओरिजिनेलिटी के साथ नहीं आ पाता है. कुल मिलाकर फिल्म की राइटिंग और ट्रीटमेंट दोनों ही औसत साबित होते हैं. ढेर सारे कैरेक्टर्स के जरिये भी रोहित अपना पहले वाला मैजिक क्रिएट करने में असफल रहे हैं. 

Advertisement

एक्टिंग की बात करें तो रणवीर सिंह ने डबल रोल में अच्छी कोशिश की है. लेकिन वह असर डालने में नाकाम रहते हैं. पूजा और जैकलीन के पास ज्यादा करने को कुछ है नहीं. बाकी सभी कलाकार हमेशा की तरह रंग जमाने के लिए हैं. लेकिन जॉनी लीवर और सिद्धार्थ जाधव को छोड़कर बाकी कोई भी चेहरे पर मुस्कान लाने में कामयाब नहीं रह पाते हैं.

Advertisement

सर्कस कहानी, प्रेजेंटेशन, एक्टिंग और म्यूजिक सभी मोर्चों पर एवरेज फिल्म है. गानों में दीपिका पादुकोण का 'करंट लगा' ही सिर्फ ध्यान में रह जाता है. वैसे भी रोहित शेट्टी फिल्मों में लॉजिक से आगे जाकर काम करते हैं. जो दर्शकों को अच्छा भी लगता है. लेकिन यहां कमजोर कहानी के सहारे रोहित शेट्टी का मैजिक काम नहीं कर पाता है और फिल्म हंसाने-गुदगुदाने के मोर्चे पर गच्चा दे जाती है. 

Advertisement

रेटिंग: 2/5 स्टार
डायरेक्टर: रोहित शेट्टी
कलाकार: रणवीर सिंह, वरुण शर्मा, जैकलीन फर्नांडिस, पूजा हेगड़े, जॉनी लीवर, मुरली शर्मा, संजय मिश्रा, सिद्धार्थ जाधव, मुकेश तिवारी और अनिल चरणजीत

Advertisement
Featured Video Of The Day
Brijbhushan Singh का Vinesh Phogat पर आरोप, कहा बेईमानी कर ओलिंपिक में गईं | Hamaara Bharat