ऋषि कपूर ने पहली फिल्म के बाद ही ले लिया था अमिताभ बच्चन से पंगा, 3 साल चली थी कोल्ड वॉर

आज यानी कि 4 सितंबर को ऋषि कपूर की बर्थ एनिवर्सी है. इस मौके पर पढ़िए बेबाक एक्टर की जिंदगी का एक किस्सा.

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ऋषि कपूर
नई दिल्ली:

4 सितंबर 1952 को जन्म...बचपन में फिल्मी पर्दे पर एंट्री और 20-21 साल की उम्र में बने बड़े स्टार. ऋषि कपूर की जिंदगी किसी फेयरी टेल से कम नहीं रही. जिंदगी का पर्दा भी ऐसे गिरा जैसे किसी फिल्म का ट्रैजिक एंड हो. दो साल तक ल्यूकेमिया से जूझने के बाद ऋषि कपूर ने 30 अप्रैल, 2020 को 67 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. उनका जाना परिवार के अलावा हर फिल्म लवर और हिंदी फिल्मों के चॉकलेटी बॉय के फैन्स के लिए किसी झटके से कम नहीं था. उन्होंने उम्र के हर पड़ाव में अपने अलग अलग किरदारों से दर्शकों के दिल में खास जगह बनाई थी. उन्हें बॉबी, कभी-कभी, अमर अकबर एंथनी, कर्ज, चांदनी, मेंहदी, मुल्क, अग्निपथ, दो दूनी चार और कपूर एंड संस के लिए याद किया जाता है.

ऋषि कपूर अपने बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते थे. आज उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर हम उस घटना के बारे में बताते हैं जब ऋषि कपूर की वजह से अमिताभ बच्चन काफी नाराज हो गए थे. ऋषि ने तो पैसों के दम पर एक अवॉर्ड खरीद लिया लेकिन बिग बी को लगा था कि उस अवॉर्ड के हकदार वो हैं...इसलिए वे नाराज हो गए थे.

क्या था मामला ?

ऋषि कपूर ने खुद बताया था कि उन्होंने अपनी पहली फिल्म बॉबी के लिए खुद को बेस्ट एक्टर अवॉर्ड दिलवाया था. दिलवाया कैसे ? दरअसल ऋषि कपूर ने यह अवॉर्ड खरीद लिया था. यह 1973 की बात है उसी साल बिग बी की जंजीर आई थी. उन्हें लगा कि वह जंजीर के लिए अवॉर्ड के हकदार हैं. इस वजह से वो नाराज हो गए थे.

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अपनी किताब 'खुल्लम खुल्ला: ऋषि कपूर अनसेंसर्ड' में 1976 की फिल्म कभी-कभी के सेट पर उनके और अमिताभ के बीच कोल्ड वार के बारे में बात करते हुए ऋषि ने लिखा, "मुझे लगता है कि अमिताभ नाराज थे क्योंकि मैंने बॉबी के लिए बेस्ट एक्टर अवॉर्ड जीता था. मुझे यकीन है कि उन्हें लगा कि यह अवॉर्ड जंजीर के लिए सही है जो उसी साल रिलीज हुई थी. मुझे यह कहने में शर्म आ रही है, लेकिन मैंने असल में वह अवॉर्ड 'खरीदा' था. मैं उस वक्त इंडस्ट्री में बहुत नया था. एक पीआर थे तारकनाथ गांधी जिन्होंने कहा था, 'सर तीस हजार दे दो तो आप को मैं अवॉर्ड दिला दूंगा. मैं ज्यादा जोड़-तोड़ करने वाला आदमी नहीं हूं लेकिन मैंने उस समय उसे बिना सोचे समझे पैसे दिए थे.

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फिल्म फेयर को लेकर हुआ विवाद

इस किताब के आने के बाद कई लोगों को लगा कि ऋषि कपूर फिल्मफेयर अवॉर्ड के बारे में बात कर रहे थे. दिवंगत एक्टर ने अपनी किताब के लॉन्च के बाद इंडिया टुडे के साथ एक इंटरव्यू में कहा, "मैंने फिल्मफेयर अवॉर्ड नहीं लिखा. मैंने कोई नाम नहीं बताया है. मैंने कहा है कि मैंने खरीदा है 'एक अवॉर्ड'. मुझसे कहा गया, क्या आप इसे चाहते हैं?' और मैंने कहा, 'हां, बिल्कुल,' और फिर उन्होंने कहा, 'इसकी कीमत आपको 30,000 रुपये होगी.' उस समय 30,000 रुपये बड़ी रकम थी. इसलिए मैंने कहा क्यों नहीं. मुझे नहीं पता कि यह उनकी जेब में गया था या नहीं लेकिन मैंने एक आदमी को इतनी रकम दी थी."

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ऋषि कपूर को आखिरी बार वाईआरएफ डॉक्यू-सीरीज़ द रोमांटिक्स में देखा गया था, जिसे उन्होंने अपनी मृत्यु से एक महीने पहले शूट किया था. चार एपिसोड्स में आई वाली डॉक्यूमेंट्री सीरीज इस साल की शुरुआत में 14 फरवरी को नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम होनी शुरू हुई.

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