बॉलीवुड अभिनेत्री ऋचा चड्ढा ने मां बनने के बाद अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल जिंदगी में आए बदलावों को लेकर एक लंबा चौड़ा पोस्ट किया है. सोशल मीडिया पर साझा किए गए अपने नोट में उन्होंने दो साल बाद काम पर लौटने की प्रक्रिया, मातृत्व के दौरान झेली मानसिक-शारीरिक चुनौतियों और फिल्म इंडस्ट्री में हुए विश्वासघात का जिक्र किया. ऋचा चड्ढा ने बताया कि वह जल्दी काम पर लौटना चाहती थीं, लेकिन डिलीवरी के बाद उनका शरीर और मन इसके लिए तैयार नहीं था. उन्होंने कहा कि पोस्ट-पार्टम रिकवरी उम्मीद से कहीं ज्यादा लंबी और जटिल रही. उनके अनुसार, "एक नई मां को खुद को दोबारा पहचानने के लिए मजबूत सपोर्ट सिस्टम की जरूरत होती है".
इंडस्ट्री में विश्वासघात और नैतिकता की कमी का आरोप
अपने बयान में ऋचा ने इस बात का भी खुलासा किया कि इस संवेदनशील दौर में उन्हें प्रोफेशनल स्तर पर गंभीर धोखे का सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री में बहुत कम लोग ऐसे हैं जो नैतिकता और साहस के साथ काम करते हैं. ऋचा ने कुछ लोगों के व्यवहार को “डिमेंटर जैसा” बताया और कहा कि उन्होंने उनके सबसे कमजोर समय में क्रूरता दिखाई. उन्होंने लिखा, "मैं माफ कर देती हूं, लेकिन भूलती नहीं".
सोशल मीडिया के दबाव पर सवाल
अभिनेत्री ने डिजिटल स्पेस पर बने कंटेंट कल्चर की भी आलोचना की. उन्होंने कहा कि नई मांओं पर लगातार पोस्ट करने और निजी संघर्षों को सोशल मीडिया कंटेंट में बदलने का अनावश्यक दबाव बनाया जाता है. ऋचा ने कहा कि वह अब अपनी निजी जिंदगी की छोटी-सी झलक साझा करने से भी हिचकती हैं, क्योंकि कहीं उसे मार्केटिंग का हिस्सा न बना दिया जाए. उन्होंने यह भी कहा कि इंस्टाग्राम पहले एक सामान्य और आसान प्लेटफॉर्म था, लेकिन अब हर बात को बाजारू कंटेंट में बदल दिया जाता है. उन्होंने सवाल उठाया कि बिना किसी प्रोडक्ट को प्रमोट किए खान-पान की समस्याओं या पोस्ट-पार्टम डिप्रेशन पर चर्चा क्यों संभव नहीं है.
'मैं बिकाऊ नहीं हूं'
अपने पोस्ट के अंत में ऋचा चड्ढा ने स्पष्ट लिखा कि वह अपनी बात कहने के लिए किसी मार्केटिंग नैरेटिव का हिस्सा नहीं बनना चाहतीं. उन्होंने कहा, "जो दिखता है वो बिकता है, पर मैं बिकाऊ नहीं हूं".