भारतीय सिनेमा जगत में ग्रेट और वर्सेटाइल राज कपूर का नाम अमिट है. बेहतरीन अदाकारी हो या शानदार डायलॉग, अपने हर अंदाज में ‘शोमैन' फिट थे. लेकिन सुपरस्टार की जिंदगी में एक ऐसा दौर भी आया जब वह कर्जे में डूब गए. इसका जिक्र एक्टर रजा मुराद ने किया, जो राज कपूर के साथ कई फिल्मों में नजर आ चुके हैं. फिल्मी चर्चा को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि मेरा नाम जोकर के फ्लॉप होने का असर ऋषि कपूर की बॉबी पर भी पड़ा. इसके बाद राज कपूर पर बहुत कर्जा हो गया.
उन्होंने कहा, चीजें इतनी बिगड़ गई कि जो डिस्ट्रीब्यूटर्स ने बिना देखे ही बॉबी को मना कर दिया. वहीं लोग, जो उनकी फिल्मों के राइट्स के लिए उतावले रहते थे ये वही लोग थे. लेकिन मेरा नाम जोकर के बाद सब बदल गया. रजा मुराद ने राज कपूर को पैशनेट फिल्ममेकर कहा, जिन्होंने अपना वक्त, हेल्थ और यहां तक कि फैमिली को भी सिनेमा के लिए कुर्बान कर दिया.
रजा मुराद ने कहा, उन्हें ड्रिंक करना और मीट खाना बेहद पसंद था. लेकिन उन्होंने सेंसर सर्टिफिकेट के मिलने से पहले छोड़ दिया. वह फिल्मों में डूब गए. उनका 14 साल की उम्र का दिमाग था. वह फिल्म रिलीज से हफ्तेभर पहले बीमार पड़ जाते क्योंकि उन्हें टेंशन होने लगती थी. वह जानते थे कि उनकी साख दांव पर है. यह पैसों की बात नहीं थी. उन्होंने सबकुछ लाइन पर रख दिया था.
गौरतलब है कि राज कपूर ने 'जिस देश में गंगा बहती है', 'बॉबी', 'छलिया', 'श्रीमान सत्यवादी', 'कन्हैया', 'संगम', 'दिल ही तो है', 'अनाड़ी', 'दो उस्ताद', 'मैं नशे में हूं', 'सत्यम शिवम सुन्दरम', 'परवरिश', 'मेरा नाम जोकर', 'बेवफा', 'आवारा', 'बरसात', 'अमर प्रेम' जैसी फिल्मों की कहानी को एक नए मिजाज के साथ पेश किया, जो बताता है कि उन्हें 'भारतीय सिनेमा का शोमैन' क्यों कहा जाता है.