रवि किशन हो गया था अपनी सफलता का घमंड! हाथ से निकल गई थी ये क्लासिक फिल्म
रवि किशन ने कुबूल किया कि वह भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में कामयाबी हासिल करके घमंडी हो गए थे.

एक्टर रवि किशन ने हाल ही में खुलासा किया कि क्यों वह अनुराग कश्यप की फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर में कास्ट नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि किसी ने फिल्ममेकर्स के पास मेरे बारे में गॉसिप फैला दी थी. उन्होंने कुबूल किया कि उन सब बातों में कुछ चीजें थीं, जो सच थीं. लेकिन ज्यादात्तर सच नहीं थीं. यूट्यूब पर शुभांकर मिश्रा के साथ एक इंटरव्यू में उन्होंने कंफर्म किया कि वे वास्तव में दूध से नहाते थे.
रवि किशन ने कहा कि उन्हें फिल्म में लीड रोल निभाने के लिए चुना गया था. हालांकि क्या किरदार था इसका जिक्र उन्होंने नहीं कहा. एक्टर ने कहा, "मैं दूध से नहाता था. मुझे इसमें मजा आता था. किसी ने यह बात अनुराग कश्यप को बता दी. मैं सनकी हूं, इसलिए मैं एक कलाकार हूं. अगर मैं एक नॉर्मल व्यक्ति होता, तो मैं किसी दफ़्तर में काम कर रहा होता, काम पर टिफिन बॉक्स लेकर जाता. अनुराग ने कहा कि उनके पास मेरी मांगों के लिए बजट नहीं है, और इसलिए मैंने फिल्म खो दी. किसी ने मेरे बारे में कुछ और अफवाहें भी फैलाईं. उस फिल्म में काम करने वाले सभी लोग बाद में भड़क गए."
इसके अलावा उन्होंने शो में यह भी बताया कि जब उनके पिता को पता चला कि वे रामलीला में सीता की भूमिका निभा रहे हैं तो वे उन्हें मारने ही वाले थे.वहीं उनकी पिटाई चमड़े की बेल्ट से की गई थी.
यह पहली बार नहीं है जब रवि किशन ने अपने बिहेवियर को लेकर बात की थी. एंकर रजत शर्मा के शो में एक्टर ने कहा था, “मैं दूध से नहाता था और गुलाब की पंखों पर सोता था. मुझे ऐसा लगता था कि मुख्य एक्टर हूं और ये सब बहुत जरूरी है. लोग जब आपको अल पचीनो और रॉबर्ट डी नीरो की फिल्में दिखाने लगते हैं और बोलते हैं कि ये एक्टर ऐसा करते हैं, तुम भी करो... गॉडफादर 500 बार दिखा दिए, और मैं देसी नस्ल का कलाकार. खैर, ये सब नाटक किये हैं, वे इसे महौल बनाते हैं. मुझे लगता था कि मैं दूध से नहाऊंगा तो ये चर्चा रहेगी कि ये दूध से नहाता है.
-
World Emoji day: क्या एक दिन शब्दों को बेदखल कर देंगे इमोजी?
क्या धीरे-धीरे इमोज़ी ही हमारी भाषा बनती चली जाएगी? उसका अपना व्याकरण स्थिर हो जाएगा? क्या हम अक्षरों और शब्दों की दुनिया को पीछे छोड़ मुद्राओं और तस्वीरों से अपनी नई भाषा बनाएंगे?अभी यह बहुत दूर का सवाल है, लेकिन ताज़ा सच्चाई यह है कि अपने डिजिटल संवाद में हम लगातार इमोजी-निर्भर होते जा रहे हैं.
-
तमिल से लेकर मराठी पर राजनीति, अंग्रेजों की भड़काई आग आज भी सुलग रही
1953 में आंध्र प्रदेश के गठन से लेकर अब तक भाषा विवाद ने देश की राजनीति बदल दी है. भाषा विवाद से डीएमके(DMK) और शिवसेना से लेकर टीएमसी(TMC) तक ने ताकत पाई है. भारतीय भाषाओं की इस लड़ाई का फायदा विदेश से आई अंग्रेज़ी को हो गया और वो मजबूत हो गई.
-
ज्योति-आलोक मौर्य केस: क्या पत्नी से गुजारा-भत्ता मांग सकता है पति? क्या कहता है कानून, वकील से जानिए
इस मामले ने एक बार फिर भारतीय न्याय संहिता और हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत भरण-पोषण के प्रावधानों पर बहस छेड़ दी है. इन प्रावधानों को विस्तार से समझने के लिए हमने पटना हाई कोर्ट के अधिवक्ता कुमार आंजनेय शानू से बात की.
-
वोटर लिस्ट बवाल: साल 2005, जब बिहार में वोटर बढ़ने के बजाय घटे और खत्म हो गया लालू राज
Voter List Revision in Bihar: बिहार में चुनाव से पहले वोटर लिस्ट की जांच का काम चल रहा है. विपक्ष इसे वोटबंदी का नाम दे रहा है. हालांकि चुनाव आयोग इसे जरूरी कदम बता रहा है. NDTV Data Story में आज पढ़िए उस चुनाव की कहानी, जब बिहार में वोटर बढ़ने के बजाए घटे और राज्य से लालू का राज खत्म हो गया.
-
Explainer: तकनीक से ताकत तक रेयर अर्थ मिनरल्स की लड़ाई, चीन के आगे भारत कहां खड़ा है? पढ़ें 360 डिग्री विश्लेषण
All About Rare Earth Metals: भारत के पास दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा भंडार है, लेकिन उत्पादन में बहुत पीछे हैं. 2024 में भारत में सिर्फ 2900 टन ही उत्पादन हुआ जबकि चीन ने 2.7 लाख टन. इसे देखते हुए भारत सरकार ने 'नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन' शुरू किया है.
-
न्यूज़ अपडेट्स
-
फीचर्ड
-
अन्य लिंक्स
-
Follow Us On