बॉलीवुड हर हफ्ते एक दो फिल्में लेकर आ रहा है, लेकिन निराश ही कर रहा है. हर फिल्म एक मोर्चे पर मात खा रही है, वह है मजबूत कहानी. पिछले हफ्ते रिलीज हुई जुगजुग जियो के बाद इस हफ्ते एक्शन फिल्म राष्ट्र कवच ओम रिलीज हुई. फिल्म की टीम ने सोचा कि एक्शन, सस्पेंस और देशभक्ति का जज्बा पिरोकर दर्शकों को सिनेमाघरों तक लाया जा सकता है. लेकिन वह यह भूल गए कि उस दौर में जब विश्वस्तरीय कंटेंट मोबाइल के एक क्लिक पर मौजूद है तो कमजोर कहानी और बिखरी हुई फिल्म को दर्शक किस तरह गले लगा सकते हैं. राष्ट्र कवच ओम, कुछ इसी तरह की फिल्म है जिसमें एक्शन और सस्पेंस गढ़ने के चक्कर में फिल्म की आत्मा को पूरी तरह भुला ही दिया गया है.
राष्ट्र कवच ओम की कहानी जांबाज कमांडो ओम की है. ओम अपनी धुन का पक्का है. अपने मिशन को खत्म करके ही मानता है. लेकिन इसी बीच ओम के साथ कुछ ऐसा होता है कि वह अपनी यादों से जूझने लगता है. वहीं ओम को अपने परिवार को लेकर भी एक जंग लड़नी है जो उसके पिता से जुड़ी है. इस तरह ओम पल-पल में रंग बदलता है और अपने मिशन पर बढ़ता ही जाता है. एक्शन होता है, इमोशंस होते हैं और देशभक्ति भी आती है, लेकिन इन सब मोतियों को जिस कहानी रूपी धागे पर पिरोया गया है, वह काफी कमजोर है. वह फिल्म शुरू होने के साथ ही टूटता नजर आता है. इस तरह आदित्य रॉय कपूर का एक्शन भी कमजोर कहानी के धागे को जोड़ नहीं पाता है, और फिल्म ताश के पत्तों की तरह बिखर जाती है.
राष्ट्र कवच ओम एक्टिंग के मामले में कोई मिसाल कायम नहीं करती है. आदित्य रॉय कपूर ने अपनी फिजीक और एक्शन पर अच्छी खासी मेहनत की है. जैकी श्रॉफ, आशुतोष राणा और प्रकाश राज भी फिल्म में नजर आते हैं, लेकिन कुछ नया देखने को नहीं मिलता है. आदित्य के साथ संजना सांघी है, लेकिन वह एक्टिंग के मोर्चे पर काफी कमजोर हैं. इस तरह डायरेक्टर कपिल वर्मा ने एक और कमजोर फिल्म बॉलीवुड की फेहरिस्त में जोड़ दी है.
रेटिंग: 1/5 स्टार
डायरेक्टर: कपिल वर्मा
कलाकार: आदित्य रॉय कपूर, संजना सांघी, जैकी श्रॉफ, आशुतोष राणा और प्रकाश राज