Raksha Bandhan Movie Review: बहनों के लिए संघर्ष करते भाई की कहानी है 'रक्षा बंधन', जानें कैसी है अक्षय कुमार की फिल्म

Raksha Bandhan Movie Review: अक्षय कुमार की फिल्म रक्षा बंधन रिलीज हो गई है. फिल्म में एक भाई की अपनी चार बहनों की शादी करने की जद्दोजहद को दिखाया गया है, जानें कैसी है फिल्म.

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'Raksha Bandhan' Movie Review: जानें कैसी है अक्षय कुमार की 'रक्षा बंधन'
नई दिल्ली:

'Raksha Bandhan' Movie Review: अक्षय कुमार की 'रक्षा बंधन (Raksha Bandhan)' रिलीज हो गई है. फिल्म में अक्षय कुमार (Akshay Kumar) और भूमि पेडनेकर लीड रोल में हैं. फिल्म को आनंद एल राय ने डायरेक्ट किया है. रक्षा बंधन के मौके पर रिलीज हुई अक्षय कुमार की फिल्म कई मायनों में 1980 के दशक की यादें ताजा कर देती है. फिल्म का टोन शुरू से लेकर आखिर तक काफी इमोशनल रहता है और एक भाई की बहनों की शादी और दहेज के लिए जद्दोजहद को दिखाया गया है. एक बार फिर उस दौर को सिनेमा में लाने की कोशिश की गई है, जो कहीं पीछे छूट चुका था. लेकिन अक्षय कुमार की पूरी मेहनत के बावजूद डायरेक्टर और राइटर फिल्म में कुछ भी नया पिरो पाने में नाकाम रहते हैं.

रक्षा बंधन (Raksha Bandhan Review) की कहानी अक्षय कुमार की है. वह चाट की दुकान चलाता है और उसकी दुकान को लेकर एक भ्रांति भी फैली हुई है. उसकी चार बहनें हैं और उनकी शादी भी करनी है. शादी करनी है तो दहेज भी देना है. लेकिन जिस तरह से इन बहनों को फिल्म में पेश किया गया है, वह बहुत ही अटपटा लगता है. जिस तरह से उनकी शक्ल-सूरत-काया को लेकर मजाक बनाया जाता है, वह बिल्कुल भी हंसाता नहीं है, बल्कि दुखद है. बेशक राइटर्स ने दहेज जैसे अहम मुद्दे को उठाने की कोशिश की है, लेकिन कमजोर राइटिंग की वजह से वह फिल्म के संदेश को सार्थक तरीके से पेश नहीं कर पाते हैं. फिर कहानी में बहुत ही ज्यादा मेलोड्रामा है. सेकंड हाफ में फिल्म एंटरटेनमेंट कम और फिल्म उपदेशात्मक ज्यादा होती चली जाती है. कुल मिलाकर डायरेक्टर भी विषय पर पकड़ कायम रख पाने में चूक जाते हैं.

जिस तरह के सशक्त वूमन कैरेक्टर आनंद एल राय दिखाते हैं, उस तरह के रक्षा बंधन (Raksha Bandhan Movie Review) में मिसिंग हैं. लड़कियों को लेकर कुछ स्टीरियोटाइप चीजें भी, कहीं-कहीं बहुत ज्यादा चुभती हैं. पूरी फिल्म ऐसी लगती है कि बहनों के लिए होने के बावजूद, सिर्फ अक्षय कुमार के इर्द-गिर्द ही बुनी गई है. हालांकि अक्षय कुमार अपनी जिम्मेदारी को पूरी तरह निभाते भी हैं. लेकिन डायरेक्टर इस जिम्मेदारी को निभाने में नाकाम रहते हैं. इस तरह एक अच्छे इरादे से बनाई गई फिल्म कमजोर कहानी और ट्रीटमेंट की वजह से उस तरह का इम्पैक्ट नहीं डाल पाती है, जैसी उम्मीद थी और फिल्म कुल मिलाकर रटी-रटाई परिपाटी पर ही दौड़ती है. 

रेटिग: 2.5/5 स्टार
डायरेक्टर: आनंद एल राय
कलाकार: अक्षय कुमार, भूमि पेडनेकर, सादिया खतीब, दीपिका खन्ना, स्मृति श्रीकांत और शाहजमीन कौर

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