कब है रक्षा बंधन? कितने बजे बंधेगी राखी? भाई-बहन के प्यार में डूबी ये 5 फिल्में देख छलक जाएंगे आंसू

रक्षा बंधन 2025 कब है? रक्षा बंधन के दिन बहन भाई की कलाई पर कितने बजे राखी बांधेगी? जानें इन सवालों के जवाब और उन फिल्मों के बारे में जो आंखें कर देंगी नम.

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जानें कब है रक्षा बंधन, इस मौके पर देखें कौन सी फिल्में?
नई दिल्ली:

रक्षा बंधन 2025 कब है? रक्षा बंधन के दिन बहन भाई की कलाई पर कितने बजे राखी बांधेगी? ये कुछ सवाल हैं जो हमेशा चर्चा में रहते है. इस साल रक्षा बंधन (Raksha Bandhan 2025) 9 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा. राखी बांधने का शुभ समय सुबह 5:47 बजे से दोपहर 1:24 बजे के बीच बताया जा रहा है. ये त्योहार भाई-बहन के प्रेम और विश्वास का प्रतीक है. इस दिन बहनें भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं. यह पर्व परिवार को जोड़ने और रिश्तों को मजबूत बनाने का एक मौका है. बॉलीवुड की कई फिल्मों में रक्षा बंधन का त्योहार देखा गया है और भाई-बहनों की कई जोड़ियों ने परदे पर आंखों को नम भी किया है. हम आपके लिए ऐसी ही पांच हिंदी फिल्में लेकर आए हैं जिनमें भाई बहन का प्यार देख आप इमोशनल हो जाएंगे...

1. छोटी बहन, 1959
यह क्लासिक फिल्म राजेंद्र (बलराज साहनी) और उनकी छोटी बहन मीना (नंदा) की कहानी है. अनाथ भाई-बहन की जिंदगी में आने वाली मुश्किलें और उनके बीच का अटूट प्यार इस फिल्म को भावनात्मक बनाता है. 

2. सच्चा झूठा, 1970
राजेश खन्ना बहन की खातिर शहर आते हैं. लेकिन गांव में सौतेली मां बहन को घर से निकाल देती हैं. यहां आकर वह गैंगस्टर्स के बीच फंस जाते हैं. फिल्म की कहानी शानदार है. फिल्म का गाना मेरी प्यारी बहनिया बनेगी दुलहनिया भी ऑल टाइम फेवरिट है.

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3. हरे रामा हरे कृष्णा, 1971
देव आनंद और जीनत अमान की ये फिल्म बेहद कमाल की है. इसमें जीनत अमान ने देव आनंद की बहन का रोल किया है और इस फिल्म के गाने तो कमाल के हैं. फूलों का तारों का सबका कहना है, गाना तो हर किसी का फेवरिट होगा ही.

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4. रेशम की डोरी, 1974
इस फिल्म में धर्मेंद्र और कुमुद छुगानी के बीच भाई-बहन का रिश्ता दर्शाया गया है. 'बहना ने भाई की कलाई' गाने के बिना तो रक्षा बंधन का त्योहार अधूरा है. इस फिल्म के कई सीन इमोशनल कर जाते हैं. 

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5. प्यारी बहना, 1985
मिथुन चक्रवर्ती और तन्वी आजमी अभिनीत यह फिल्म अनाथ भाई-बहन काली और सीता की कहानी है. फिल्म की कहानी इमोशनल कर देने वाली है और मिथन की शानदार फिल्मों मे से एक है.

ये फिल्में रक्षा बंधन की भावना को न सिर्फ उत्सव के रूप में, बल्कि भाई-बहन के बलिदान, प्यार और समर्पण के रूप में दर्शाती हैं. इन्हीं फिल्मों और रक्षा बंधन के त्योहार के मद्देनजर मुनव्वर राना की ये पंक्तियां जेहन में कौंध जाती हैं कि 'किसी के जख्म पर चाहत से पट्टी कौन बांधेगा, अगर बहनें नहीं होंगी तो राखी कौन बांधेगा.'

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