15 अगस्त 1947 को पश्चिम बंगाल के रानाघाट में जन्मीं राखी गुलजार की जिंदगी भारतीय सिनेमा की एक इंस्पायरिंग कहानी है. खास बात यह है कि उनका जन्म उस दिन हुआ जब भारत ने स्वतंत्रता पाई थी. गरीब परिवार में जन्मीं राखी की जिंदगी ने उन्हें बहुत से संघर्षों का सामना करवाया लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी. राखी ने महज 16 साल की उम्र में अजय विश्वास से शादी कर ली जो एक पत्रकार और फिल्म डायरेक्टर थे. हालांकि उनकी शादी जल्दी ही टूट गई और 18 साल की उम्र में उनका तलाक हो गया. उस समय तलाक लेना किसी भी महिला के लिए आसान नहीं था लेकिन राखी ने इसका सामना किया और अपने करियर पर भी फोकस किया.
1967 में राखी ने बंगाली फिल्म 'बोधु बोरॉन' से अपने करियर की शुरुआत की. इस फिल्म से उन्होंने एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा. इसके बाद उन्होंने बॉलीवुड में डेब्यू किया और राजश्री प्रोडक्शन की फिल्म 'जीवन-मृत्यु' में धर्मेंद्र के साथ काम किया. इसी दौरान उनकी मुलाकात मशहूर गीतकार गुलजार से हुई. शुरू में उनकी दोस्ती हुई और बाद में प्यार में बदल गई. 1973 में राखी और गुलजार ने शादी कर ली जिनसे उनकी एक बेटी मेघना गुलजार हैं.
मेघना के जन्म के बाद राखी और गुलजार की जिंदगी में चुनौतियां आनी शुरू हो गईं. शादी के दौरान यह शर्त रखी गई थी कि राखी फिल्मों में काम नहीं करेंगी. लेकिन राखी ने जल्द ही फिल्मों में लौटने का फैसला किया जिससे उनके और गुलजार के बीच तकरार बढ़ गई. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक फिल्म की शूटिंग के दौरान कश्मीर में गुलजार और राखी के बीच विवाद हुआ जिसके चलते गुलजार ने उनके साथ मारपीट की. यह घटना उनके रिश्ते के तनाव को और बढ़ा गई.
सालों बाद भी राखी गुलजार ने बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाई और कई हिट फिल्मों में काम किया. उनकी यादगार फिल्मों में 'मेरे सजना', 'अंगारे', 'कभी कभी', 'दूसरा आदमी', 'कसमें वादे', 'काला पत्थर' और 'श्रीमान श्रीमती' के अलावा 'करण अर्जुन' शामिल हैं. हालांकि फिल्मी करियर में सफलता के बावजूद उनकी निजी जिंदगी चुनौतियों से भरी रही. गुलजार के साथ मतभेदों के चलते उनका तलाक हुआ और वे एक अलग रास्ते पर चले गए.
आज राखी गुलजार मुंबई के पास पनवेल में अपने फार्म हाउस पर अकेली रहती हैं. वह पब्लिक लाइफ से काफी हद तक दूर हो गई हैं और मीडिया से भी कम ही संपर्क में रहती हैं. अपने करियर के दौरान प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ के उतार-चढ़ाव के बावजूद राखी ने हमेशा संघर्ष के साथ एक नई पहचान बनाई है.